वाराणसी :- ज्ञानवापी में नए मंदिर के निर्माण और हिंदुओं को पूजा-पाठ करने का अधिकार देने को लेकर स्वयंभू ज्योतिर्लिंग लॉर्ड विश्वेश्वर की ओर से वर्ष 1991 में दाखिल मुकदमे की गुरुवार को सिविल जज (सीनियर डिवीजन / फास्ट ट्रैक) युगल शंभू की अदालत में सुनवाई हुई।
वादी रहे हरिहर पांडेय की बेटियों मणिकुंतला तिवारी, नीलिमा मिश्रा और रेनू पांडेय की ओर से मुकदमे में पक्षकार बनाए जाने के प्रार्थना पत्र पर बहस पूरी हो गई है। अदालत ने आदेश के लिए 11 मार्च की तिथि मुकर्रर की है। हरिहर पांडेय के पुत्रियों के प्रार्थना पत्र पर आपत्ति करते हुए वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी ने मुकदमे के संचालन के लिए गठित ट्रस्ट डीड की प्रति अदालत में प्रस्तुत की।
उसे पत्रावली पर उल्लेखित करने की मांग की। इसके खिलाफ आपत्ति दाखिल करने के लिए अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी और हरिहर पांडेय की बेटियां ने अदालत से समय मांगा था। गुरुवार को सुनवाई के दौरान मसाजिद कमेटी और तीनों पुत्रियों की ओर से आपत्ति दाखिल की गई। वाद मित्र की अपील को निरस्त करने की दलील दी गई। सभी पक्षकारों की बहस सुनने के बाद अदालत ने आदेश के लिए 11 मार्च की तिथि मुकर्रर कर दी।

Author: Rajesh Sharma
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