Home » शहर » 1669 में औरंगजेब ने ढहाया था श्रीराम मंदिर, अब 8,000 स्क्वायर फीट में बनेगा भव्य धाम, CM Yogi ने किया शिलान्यास

1669 में औरंगजेब ने ढहाया था श्रीराम मंदिर, अब 8,000 स्क्वायर फीट में बनेगा भव्य धाम, CM Yogi ने किया शिलान्यास

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वाराणसी :- खोजवां में स्थित श्रीराम मंदिर, जो सदियों पुरानी विरासत संजोए हुए है, अब एक नए और भव्य रूप में पुनर्निर्मित होने जा रहा है। गुरुवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस ऐतिहासिक मंदिर के शिलान्यास के साथ पुनर्निर्माण कार्य की औपचारिक शुरुआत की। करीब 8,000 स्क्वायर फीट में बनने वाले इस मंदिर के लिए तैयारियां ज़ोरों पर हैं और श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है।

627 साल पुराना मंदिर, जिसने इतिहास को संजोया जगद्गुरु रामकमलाचार्य वेदांती महाराज के अनुसार, खोजवां क्षेत्र केदारखंड में स्थित है और इसे काशी की अयोध्या भी कहा जाता है। इस मंदिर की स्थापना 1398 में जगद्गुरु रामानंदाचार्य के शिष्य अनंतानंदाचार्य ने की थी, जो कश्मीर से आए थे। उनके साथ 17 अन्य शिष्य भी इस पवित्र स्थल पर पहुंचे थे। इस मंदिर में गोस्वामी तुलसीदास ने भी पांच वर्ष तक अध्ययन किया था। खास बात यह है कि तुलसीदास जी के हाथ से लिखी पांडुलिपियां अब भी यहां सुरक्षित रखी गई हैं।

1669 में औरंगजेब ने तोड़ा था मंदिर मुगल शासक औरंगजेब ने 1669 में काशी के अन्य मंदिरों के साथ-साथ इस श्रीराम मंदिर को भी ध्वस्त करा दिया था। हालांकि, लक्ष्मी नारायण की कुछ मूर्तियां बच गईं, जो अब भी यहां मौजूद हैं। स्थानीय श्रद्धालुओं और संतों के विरोध के चलते इस स्थल पर मस्जिद का निर्माण नहीं हो सका था। इसके बाद 1700 में संत सियाराम दास ने इस मंदिर का दोबारा निर्माण कराया, और यही 300 साल पुराना वर्तमान मंदिर आज तक खड़ा है।

अब नया और भव्य स्वरूप लेगा मंदिर अब यह मंदिर पहली बार पूरी तरह से पुनर्निर्मित किया जाएगा, जिससे इसे भव्य स्वरूप मिलेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शिलान्यास के साथ इस पुनर्निर्माण कार्य की शुरुआत होगी। धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण यह मंदिर अब स्थानीय लोगों और भक्तों के लिए एक भव्य श्रद्धास्थल बनने जा रहा है। इस ऐतिहासिक मौके को लेकर श्रद्धालुओं और वाराणसी के लोगों में जबरदस्त उत्साह है, और मंदिर पुनर्निर्माण के बाद यह काशी की धार्मिक पहचान का एक और अनमोल हिस्सा बन जाएगा।

 

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Author: vartahub

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