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GST New Rule : जीएसटी का नया ऑटोमेटेड प्रोसेस शुरू हो गया है,अब ये काम नहीं कर पाएंगे जीएसटी टैक्सपेयर्स..

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GST New Rule : गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) के टेक को मैनेज करने वाली GSTN ने एक एडवाइजरी में कहा कि अप्रैल 2025 के टैक्स पीरियड से GSTR-3B की टेबल 3.2 में खुद से भरी गई इंटर स्टेट सप्लाइज को एडिट करने योग्य नहीं बनाया जाएगा. GSTN ने आगे कहा कि GSTR-3B को केवल सिस्टम की ओर से जेनरेटेड ऑटो-पॉपुलटेड वैल्यूज के साथ ही फाइल किया जाएगा.फॉर्म GSTR-3B की टेबल 3.2 में GSTR-3B के टेबल 3.1 और 3.1.1 में घोषित सप्लाइज में से अपंजीकृत व्यक्तियों, कम्पोजीशन टैक्सपेयर्स और यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर (UIN) होल्डर्स को की गई इंटर-स्टेट सप्लाइज की जानकारी दी जाती है. GSTR-3B के टेबल 3.2 की वैल्यूज GSTR-1, GSTR-1A और IFF की जरूरी टेबल्स में घोषित इंटर स्टेट सप्लाइज से खुद भर जाती हैं.

GSTN ने कहा कि टैक्सपेयर्स GSTR 3B के टेबल 3.2 में खुद से भरी गई वैल्यूज को उन फॉर्म GSTR-1A या फॉर्म GSTR-1/IFF के जरिए संशोधन करके सुधार सकते हैं, जो बाद के टैक्स पीरियड्स के लिए फाइल किए गए है. GSTN ने कहा, “टैक्सपेयर्स को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इंटर स्टेट सप्लाई उनके GSTR-1, GSTR-1A या IFF में सही ढंग से रिपोर्ट की गई है. ताकि GSTR-3B के टेबल 3.2 में खुद ही सही वैल्यूज भर जाएं.”

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Author: vartahub

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