चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-दिसंबर के दौरान भारत का कोयला आयात पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में लगभग अपरिवर्तित रहा और 201.30 मिलियन टन रहा। उच्च घरेलू कोयला भंडार और अपेक्षा से कम मांग ने आयात मात्रा में मामूली गिरावट में योगदान दिया, जबकि घरेलू उत्पादन में 6.11 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
कोयला और खान मंत्री जी किशन रेड्डी ने हाल ही में कहा कि सरकार का ध्यान कोयले के आयात को कम करने और घरेलू उत्पादन को बढ़ाने पर है।वैश्विक स्तर पर पाँचवें सबसे बड़े भूगर्भीय कोयला भंडार और दूसरे सबसे बड़े उपभोक्ता के रूप में, कोयला एक अपरिहार्य ऊर्जा स्रोत बना हुआ है, जो राष्ट्रीय ऊर्जा मिश्रण में 55 प्रतिशत का योगदान देता है। देश में लगभग 74 प्रतिशत बिजली उत्पादन ताप विद्युत संयंत्रों पर निर्भर करता है। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-दिसंबर अवधि में संचयी घरेलू कोयला उत्पादन 2023-24 की इसी अवधि के दौरान 684.45 मीट्रिक टन की तुलना में 726.29 मीट्रिक टन (अनंतिम) तक पहुँच गया, जो 6.11 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करता है। यह बढ़ती ऊर्जा मांग को पूरा करने के लिए मंत्रालय के अथक प्रयासों को दर्शाता है।
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