एक शब्द है #नवरात्रि दूसरा है नवरात्र। कई बार लोग नवरात्रि लिखते हैं। यह त्रुटि हमसे भी हुई है, परन्तु सही शब्द है नवरात्र संस्कृत में दिन को अर्हन् कहते हैं और रात को रात्रि। अर्हन् और रात्रि को मिलाकर अहोरात्र शब्द बनता है। उसी प्रकार दिन और रात्रि के पूजा कार्यक्रमों के कारण इस नौ दिवसीय अवधि को #नवरात्र कहेंगे। क्योंकि नवरात्र केवल रात्रि का कार्यक्रम नहीं है। वैसे तो विद्वान विष्णवे कहे, अविद्वान विष्णाय कहे, भगवान को कोई अंतर नहीं पड़ता वह दोनों को बराबर मान लेते हैं। क्योंकि भगवान भावग्राही होते हैं। फिर भी यथासंभव हम शाब्दिक परिष्कार रखें तो कदाचित व्याकरणिक और सांस्कृतिक पुष्टता भी हो जाये। इसलिए नवरात्र !
