सोनभद्र। डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन सोनभद्र की अध्यक्ष जगजीवन सिंह के नेतृत्व में अधिवक्ताओं ने आज जिलाधिकारी सोनभद्र के माध्यम महामहिम राष्ट्रपति को नौ सूत्रीय ज्ञापन पत्र सौंपा। डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन सोनभद्र के अध्यक्ष जगजीवन सिंह ने कहा कि कानून मंत्रालय द्वारा जारी अधिवक्ता संशोधन बिल कहीं से भी अधिवक्ताओं के हित में नहीं है। इस संशोधन बिल में केंद्र सरकार अधिवक्ताओं पर पूरी तरह से अंकुश लगाने का प्रयास कर रही है,इसे तुरन्त वापस लिया जाए। वरिष्ठ उपाध्यक्ष पवन कुमार सिंह ने कहा कि संशोधित बिल में बार काउंसिल ऑफ इंडिया में 1961 अधिनियम की धारा 4 में प्रस्तावित संशोधन के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा नामित 3 सदस्य होंगे। जिससे स्पष्ट है कि सरकार अधिवक्ताओं पर पूरी तरह से अपना अंकुश रखना चाहती है। पूर्व अध्यक्ष श्याम विहारी यादव ने कहा कि इस बिल में न्यायालय के काम से बहिष्कार करने पर रोक लगाने का प्रावधान है। कोर्ट के काम से बहिष्कार या न्यायालय के कामकाज या कोर्ट परिसर में बाधा डालने के सभी आह्वान धारा 35ए(1) के अनुसार निषिद्ध हैं। ऐसे अधिवक्ता प्रताड़ित होने पर या अधिवक्ता अपने हित के लिए अपनी आवाज नहीं उठा सकता है। यानी अधिवक्ता अपने ऊपर जुल्म का विरोध भी नहीं कर सकता है। सरकार के इस संशोधित बिल का एक मात्र उद्देश्य केवल अधिवक्ताओं के हित को प्रभावित करने वाला है। यह संशोधित बिल किसी भी प्रकार से अधिवक्ता हित के नहीं है और अधिवक्ता समाज इस बिल का पुरजोर विरोध करेगा और यदि जरूरत पड़ी तो इसके खिलाफ सड़क से लेकर संसद तक आंदोलन भी करेगा। संचालन महामंत्री प्रदीप कुमार मौर्य ने किया,इस मौके पर राजेश यादव, प्रदीप कुमार,सुरेश सिंह कुशवाहा, राजेश कुमार मौर्य,चंद्रप्रकाश सिंह, वीरेंद्र कुमार राव,अशोक कनौजिया, आकृति निर्भया,सरस्वती देवी,फूल सिंह,मृगराज सिंह,सुधीर कुमार, आदि लोग उपस्थित रहे।
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Author: Rajesh Sharma
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