प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ‘कृषि और ग्रामीण समृद्धि’ पर वेबिनार को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि यह बजट सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट है, जिसमें विकसित भारत के विजन को नया विस्तार दिया गया है। पीएम मोदी ने बताया कि ‘पीएम किसान सम्मान निधि’ के तहत 6 वर्षों में लगभग 4 लाख करोड़ रुपये 11 करोड़ किसानों के खातों में सीधे भेजे गए हैं। उन्होंने ‘पीएम धन धान्य कृषि योजना’ की घोषणा की, जिसमें 100 सबसे कम कृषि उत्पादक जिलों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि उत्पादन 10 साल पहले 265 मिलियन टन था, जो अब 330 मिलियन टन से अधिक हो गया है। सरकार बागवानी, डेयरी और फिशरी सेक्टर में निवेश बढ़ा रही है। साथ ही, बिहार में मखाना बोर्ड के गठन की घोषणा की गई है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। पीएम आवास योजना-ग्रामीण के तहत करोड़ों गरीबों को घर मिल रहे हैं, और स्वामित्व योजना से संपत्ति मालिकों को अधिकार मिल रहा है। उन्होंने बताया कि 3 करोड़ ‘लखपति दीदी’ बनाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें सवा करोड़ महिलाएं पहले ही इस श्रेणी में आ चुकी हैं।
यूपी में प्राकृतिक खेती को मिलेगा विस्तार, 270.62 करोड़ रुपये खर्च करेगी योगी सरकार : यूपी में अब केवल गंगा ही नहीं स्थानीय नदियों के दोनों किनारे पर 5/5 किलोमीटर के दायरे में सिर्फ प्राकृतिक खेती होगी। इसके चलते 1886 क्लस्टर बनाए जाएंगे। योगी सरकार इस पर 270.62 करोड़ रुपए खर्च करेगी। हाल में हुई राज्य स्तरीय कृषि समिति की बैठक में इस कार्ययोजना को मंजूरी भी मिल चुकी है। इसके पूर्व कैबिनेट में भी प्राकृतिक खेती और खेत तालाब योजना के लिए इसके पूर्व भी 1191.51 करोड़ रुपए की मंजूरी मिली थी। हाल ही में योगी सरकार की ओर से प्रस्तुत बजट में भी नेशनल मिशन ऑन नेचुरल फार्मिंग के तहत प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन देने के लिए 124 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। दरअसल खेतीबाड़ी के स्थाई और टिकाऊ विकास पहले कार्यकाल से ही योगी सरकार की प्राथमिकता रही है। सरकार इसे लगातार विस्तार देने के साथ इसके लिए भरपूर पैसा और किसानों को प्रोत्साहन भी दे रही है। इसके लिए बीज से लेकर बाजार तक सरकार प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों के साथ है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद हर संभव मंच से किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
