मंगलवार को दिल्ली विधानसभा में शराब नीति पर कैग (CAG) ने अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है. रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली सरकार को 2021-2022 की आबकारी नीति के चलते 2,000 करोड़ रुपये से अधिक का घाटा हुआ है, जिसके पीछे कमजोर पॉलिसी फ्रेमवर्क से लेकर एग्जीक्यूशन में कमी तक कई कारण हैं. कैग की यह रिपोर्ट, आम आदमी पार्टी सरकार के प्रदर्शन पर, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व वाली नई सरकार द्वारा पेश की जानी वाली 14 रिपोर्ट्स में से एक है.CAG की इस रिपोर्ट में लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया में उल्लंघनों को भी हाइलाइट किया गया है. रिपोर्ट के अनुसार, अब समाप्त हो चुकी नीति के गठन के लिए बदलाव सुझाने के लिए गठित एक विशेषज्ञ पैनल की सिफारिशों को तत्कालीन उपमुख्यमंत्री और आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया ने नजरअंदाज कर दिया था,रिपोर्ट में कहा गया है कि मास्टर प्लान दिल्ली-2021 में नॉन-कंफर्मिंग एरिया में शराब की दुकानें खोलने पर रोक लगाई गई है, लेकिन आबकारी नीति 2021-22 में प्रत्येक वार्ड में कम से कम दो खुदरा दुकानें खोलने का आदेश दिया गया है. रिपोर्ट के अनुसार, नई दुकानें खोलने के लिए टेंडर दस्तावेज में कहा गया था कि कोई भी शराब की दुकान नॉन-कंफर्मिंग एरिया में नहीं होनी चाहिए. अगर कोई दुकान नॉन-कंफर्मिंग एरिया में है, तो उसे सरकार की पूर्व स्वीकृति से ही खोला जाना चाहिए.
