सावन चूंकि शिव का महीना है और इसमें पवित्रता का खास ख्याल रखा जाता है, कहते हैं तभी पूजन फलित होते हैं. सावन में नॉनवेज नहीं खाने के पीछे शास्त्रीय के साथ वैज्ञानिक कारण भी है|
सावन में नॉनवेज न खाने का धार्मिक कारण : सावन में शुद्धता और पवित्रता का खास ख्याल रखा जाता है, क्योंकि ये महीना भोलेनाथ को समर्पित है. ज्योतिष की दृष्टि से देखें तो जब व्यक्ति की इंद्रियां काबू में होती हैं तब वह ईश्वर से संपर्क साधने में कामयाब होता है, पूजा-पाठ से उसका मन नहीं भटकता है. नॉनवेज तामसिक भोजन है, जो सुस्ती, आलस्य, अहंकार, क्रोध और अज्ञानता को बढ़ावा देता है,ऐसे में सावन के दौरान संतुलित भोजन न किया जाए तो व्यक्ति अपनी इंद्रियों पर काबू नहीं रख पाता और पूजन में अवरोध पैदा होने लगते हैं. व्यक्ति आध्यात्म से भटक जाता है. यही वजह है कि सावन में नॉनवेज नहीं खाते हैं. कुछ मान्यताओं के अनुसार बारिश के कारण सावन महीने में खाने की अधिकतर चीजें में जीव आ जाते हैं और धार्मिक नजरिए से जीव की हत्या कर उसे खाना पाप की श्रेणी में आता है.
सावन में नॉनवेज न खाने का वैज्ञानिक कारण : सावन में नॉनवेज नहीं खाने के पीछे वैज्ञानिक तर्क भी है. सावन जुलाई या अगस्त में आता है. इस दौरान बारिश अधिक रहती है जिसके कारण खाने की चीजों में फंगस का खतरा बढ़ने लगता है. इसके सेवन से व्यक्ति की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है. एक्सपर्ट के मुताबिक सावन में सामान्य दिनों के मुकाबले नॉनवेज सड़ने की प्रक्रिया तेज हो जाती है,जैसे जो चीज 6 घंटे सही रहती है वो 4 घंटे में ही खराब हो जाती है. इसके अलावा बारिश में पाचन शक्ति कमजोर होती है और नॉनवेज काफी भारी (गरिष्ठ) होता है जो पचाने में मुश्किल होता है. यही वजह है कि सावन में नॉनवेज का त्याग करने की सलाह दी जाती है.
