वाराणसी :- विश्वनाथ मंदिर से दो किमी दायरे में मांस की दुकानों को बंद करने का अभियान ठंडा पड़ गया है। अब तक नगर निगम की ओर से दो किमी का दायरा ही तय नहीं किया गया है। इस कारण से कारोबार फिर से चोरी-छिपे चलने लगा है। खासकर बेनियाबाग, हड़हासराय, रेवड़ी तालाब, मदनपुरा, मौलवीबाग सोनिया, सिद्धगिरीबाग आदि इलाकों में कहीं खुले तो कहीं चोरी से मांस की बिक्री हो रही है। बेनियाबाग पर दुकान के बाहर चार-पांच लोग खड़े रहते हैं। यहां कोई मांस लेने जाता है तो उसे दुकान के अंदर भेज दिया जाता है। बाहर खड़े लोग निगरानी करते हैं। मांस खरीदने वाला भी झोला लेकर चला जाता है। सिद्धगिरिबाग के पास दुकानदार को हिदायत दी गई थी खुले में मांस न बेचे।बावजूद इसके यहां खुले में मांस की बिक्री हो रही है। इसी प्रकार रेवड़ी तालाब, मदनपुरा में भी नियमों को दरकिनार कर खुले में मांस बेचा जा रहा है। सदन की बैठक में यह प्रस्ताव आदिविश्वेश्वर वार्ड के पार्षद इंद्रेश कुमार सिंह नगर निगम अधिनियम 1959 की धारा 91 (2) के तहत लाए थे।उन्होंने कहा कि धार्मिक शहरों अयोध्या, मथुरा, हरिद्वार आदि के प्रमुख मंदिरों से दो से पांच किमी दायरे में मांस-मदिरा की दुकानें नहीं हैं। केवल काशी में ही विश्वनाथ मंदिर के दो किमी दायरे में मांस-मदिरा की दुकानें हैं। धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखकर इसे दो किमी के बाहर किया जाएगा। जिसे सर्वसम्मति से पास किया गया था।इस दायरे में लहुराबीर, सोनारपुरा, लक्सा, भेलूपुर तक का इलाका आता है। इसके बावजूद दालमंडी, बेनियाबाग, नई सड़क, हड़हा सराय आदि इलाकों की चोरी छिपे मांस की दुकानें चल रही हैं।
