Home » सोशल हलचल » गांव के एकमात्र पुरुष को जनजाति महिलाओं ने कंधा दिया |

गांव के एकमात्र पुरुष को जनजाति महिलाओं ने कंधा दिया |

Facebook
Twitter
WhatsApp

जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम जिले के कालचित्ती गांव की आबादी । महज 80 लोगों की है। यहां करीब दस व परिवार रहते हैं जो सबर जनजाति से संबंधित हैं।जंगल के बीच बसे इस गांव में क केवल एक पुरुष जुआं सबर रहते थे। शेष सभी पुरुष तमिलनाडु में किसी – कंपनी में काम करते हैं। गांव में रह रहे पुरुष की भी बुधवार की रात मौत हो गई इसके बाद अर्थी बनाने से लेकर शव को कंधा देने तक की जिम्मेदारी महिलाओं ने उठाई। उनके बेटी ने अंतिम रस्म निभाई। जुआं का बेटा भी बाहर रहकर मजदूरी करता है। अब यह शायद जिले का पहला गांव हो गया है, जहां एक भी पुरुष नहीं रहते हैं। गुरुवार को जुआं की बेटियां और उस गांव की महिलाओं ने मजबूरी में ही सही मगर एक नजीर पेश कर दी है। गुरुवार को अंतिम यात्रा जब घर से श्मशान के लिए चली तो राह की अन्य महिलाएं भी साथ होती गई। अर्थी और गड्डा तैयार होने के बाद महिलाएं शव को स्वंय कंधा देकर श्मशान तक ले गई।

vartahub
Author: vartahub

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!