गुरुवार को भारतीय रिजर्व बैंक ने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक में भारी अनियमितताओं के चलते बैंक के कामकाज पर कई तरह के बैंकिंग कारोबार से जुड़े बैन लगा दिए. आरबीआई की इस सख्ती के बाद न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक ग्राहकों को ना तो कोई लोन दे सकेगा साथ ही कस्टमर्स से डिपॉजिट लेने पर भी रोक लगा दी गई है. आरबीआई के इस फैसले के बाद बैंक के डिपॉजिटर्स की मुसीबत बढ़ गई है. बैंक के खाताधारक अपने खाते से पैसे भी नहीं निकाल सकेंगे. आरबीआई ने फिलहाल छह महीने के लिए बैंक पर ये प्रतिबंध लगाया है और इस दौरान बैंक के हालात को सुधारने की कोशिश की जाएगी. छह महीने के बाद आरबीआई बैन के फैसले को रिव्यू करेगा|
RBI ने कहा की बैंक की मौजूदा नकदी स्थिति को देखते हुए निर्देश दिया गया है कि वह जमाकर्ता के बचत बैंक या चालू खातों या किसी अन्य खाते से किसी भी राशि की निकासी की अनुमति न दे,बैंक बिना उसके अनुमति के ना को कोई लोन या एडवांस रकम देगा या उसका रिन्यूएल करेगा. साथ ही ना कोई बैंक को निवेश की इजाजत होगी और ना डिपॉजिट स्वीकार करने सहित कोई भी देनदारी नहीं लेगा. आरबीआई ने कहा कि बैंक में हाल ही में हुए घटनाक्रमों से सुपरवाइजरी चिंताओं और बैंक के जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया गया है. इसके अलावा, पात्रता रखने वाले डिपॉजिटर्स डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation ) से 5 लाख रुपये तक डिपॉजिट इंश्योरेंस क्लेम अमाउंट पाने के हकदार होंगे,हालांकि बैंक कर्मचारियों के वेतन, किराए और बिजली के बिल जैसी कुछ आवश्यक मदों पर खर्च करने की इजाजत बैंक को दी गई है |
