वाराणसी :- पहाड़ों पर बारिश के चलते गंगा के जलस्तर में बढ़ाव शुरू हो गया है। छह दिनों में गंगा के जलस्तर में 41 सेंटीमीटर का बढ़ाव दर्ज किया गया है। पिछले 72 घंटों में जलस्तर में 24 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी हुई। गंगा के जलस्तर में बढ़ाव से नाविक समाज में खुशी है तो वहीं तटीय इलाकों में रेत पर क्यारी बनाकर सब्जी और फल उगाने वाले किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं।
केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार गंगा का जलस्तर बृहस्पतिवार को 58.64 मीटर दर्ज किया गया है। गंगा के जलस्तर में छह जून से बढ़ोतरी शुरू हुई थी। पांच जून को गंगा का जलस्तर 58.23 मीटर था और छह जून को एक सेंटीमीटर की बढ़ोतरी हुई और जलस्तर 58.24 मीटर, सात जून को तीन सेंटीमीटर बढ़ोतरी के बाद जलस्तर 58.27 मीटर, आठ जून को आठ सेंटीमीटर की बढ़ोतरी के बाद जलस्तर 58.35 मीटर तक पहुंच गया।
नौ जून को गंगा के जलस्तर में पांच सेंटीमीटर, 10 जून को जलस्तर में 10 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी हुई और जलस्तर 58.50 मीटर दर्ज किया गया। 11 जून को गंगा के जलस्तर में सात सेंटीमीटर बढ़ोतरी के बाद जलस्तर 58.57 मीटर और 12 जून को भी जलस्तर में सात सेंटीमीटर का बढ़ाव था।
नाविक शंभू साहनी ने बताया कि गंगा का जलस्तर अचानक बढ़ने से स्थानीय निवासियों और श्रद्धालुओं से सावधानी बरतने की अपील की जा रही है। गंगा घाटों पर नहाने और अन्य धार्मिक गतिविधियों में शामिल होने वाले लोगों से कहा गया है कि वे सतर्क रहें और पानी के बहाव के करीब न जाएं। तीर्थ पुरोहित दीपक पांडेय ने बताया कि हर साल गंगा दशहरा के बाद गंगा के जलस्तर में धीरे-धीरे बढ़ोतरी होती है। पितृपक्ष के बाद जलस्तर में घटाव होने लगता है।
