लंबी दूरी की ट्रेनों के कोचों में पानी भरने में देरी नहीं हो रही है। सिर्फ पांच से छह मिनट में 24 कोच की ट्रेनों में पानी भरा जा रहा है। पूर्वोत्तर रेलवे के बनारस, छपरा और मऊ स्टेशन पर क्विक रिस्पांस सिस्टम के चलते रेलवे का यह काम आसान हो गया है। ट्रेनें भी पानी के लिए प्लेटफॉमों पर पिटती नहीं हैं। बलिया स्टेशन पर क्विक वाटरिंग सिस्टम स्थापित किए जाने का कार्य प्रगति पर है।
पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी मंडल के जनसंपर्क अधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि विवक वाटरिंग सिस्टम से ट्रेनों में पानी की उपलब्धता, प्रेशर, मात्रा, खपत, फ्लो एवं पानी भरी जाने वाली ट्रेन का नंबर आदि एक ही स्क्रीन पर देखा जा सकता है, जिस पर वाटरिंग कार्य के आंकड़े रियल टाइम मॉनिटरिंग के लिए उपलब्ध रहते हैं। इस सिस्टम से ट्रेनों में कम समय में पानी भरे जाने के कारण ट्रेनें विलंब नहीं होतीं और कोचों में पानी की उपलब्धता से यात्री संतुष्टि बनी रहती है। क्विक वाटरिंग सिस्टम तकनीकी से कम समय में ही ट्रेनों में वाटर रिफलिंग का कार्य पूरा होता है। इस सिस्टम के उपयोग से 24 कोच की एक सामान्य ट्रेन में पानी भरने में मात्र 5 मिनट ही लगते हैं, जिसका सर्वाधिक लाभ लंबी दूरी की कम ठहराव वाली ट्रेनों के यात्रियों को सुविधा के रूप में मिलता है। जल संरक्षण के साथ ही प्लेटफॉर्मो की साफ-सफाई मैकेनाइज्ड तरीके से किया जा रहा है।
