वाराणसी । बुनकर बिरादराना शादी में फिजूलखर्ची रोकेगा। रविवार को सरैयां स्थित लॉन में बुनकर समाज की हुई बैठक में बारात नहीं निकालने का निर्णय लिया गया। दावत-ए-वलीमा में भी समाज ने कटौती की है, इसमें एक तरह का भोजन मिलेगा। नाश्ते पर भी रोक रहेगी। मेहर (दूल्हे की ओर से दुल्हन को दी जाने वाली राशि) भी तय कर दी गई है। इससे होने वाली बचत बुनकर बच्चों के शिक्षा पर खर्च करेगा। बुनकर बिरादराना तंजीम बाइसी के सरदार हाजी हाफिज मोइनुद्दीन के नेतृत्व में हुई बैठक में तंजीम के काबीना संग कई मुहल्ले के सरदार, महतो और जिम्मेदार शामिल हुए। सरदार हाजी हाफिज मोइनुद्दीन ने कहा कि शादी-विवाह में ‘फिजूलखर्ची बढ़ रही है। इसमें कटौती की जरूरत है। बैठक में लोगों ने इसका स्वागत किया। बैठक में मौ.हारुन ,मौ. जियाउद्दीन, मौ. निसार, मौ. फरीद, मौ. जाहिर अहमद, हाजी ओकास अंसारी, अफरोज अंसारी, हाजी यासीन, हाजी तुफैल आदि थे।
बैठक के अहम निर्णय
1. बरात में सिर्फ दूल्हे के घर की कुछ औरतें जाएंगी और दुल्हन को रुखसत कर ले आएंगी।
2. दूल्हा-दुल्हन की तरफ से दामाद, समधी और समधन की खुशीशी दावत पर रोक, सिर्फ आम दावत में शामिल होंगे।
3. निकाह दूल्हे के घर या मस्जिद में होगी ।
4. किसी के घर लड़का और लड़की दोनों का निकाह होना है तो अपनी सहूलियत से रस्म अदायगी कर लें।
5. मेहर 111 ग्राम चांदी या उसके बराबर नगद अदा किया जाए।
6. वंलीमा में एक तरह का खाना होना चाहिए, नाश्ता याह अन्य तरह के खाने पर रोक ।
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