वाराणसी :- फर्जी पूर्णता प्रमाण पत्र देकर आयकर विभाग से 113 करोड़ रुपये की छूट लेने के मामले में वाराणसी के विनायक ग्रुप से वसूली की जाएगी। आयकर विभाग के सूत्रों के मुताबिक विनायक ग्रुप से जुर्माने और ब्याज के साथ करीब 200 करोड़ रुपये वसूले जाएंगे। इसकी जानकारी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से भी साझा की जाएगी। दरअसल, ईडी भी विनायक ग्रुप के खिलाफ जांच कर रहा है। ईडी ने हाल ही में आयकर विभाग से पूछा था कि विनायक ग्रुप के प्रोजेक्ट वरुणा गार्डन का फर्जी पूर्णता प्रमाण पत्र जमा करने से कितने राजस्व का नुकसान हुआ था ताकि उसी आधार पर कंपनी के संचालकों की संपत्तियां जब्त की जा सकें।छापे में फर्जी पूर्णता प्रमाण पत्र मिलने के बाद आयकर विभाग के निर्देश पर वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए) ने विनायक ग्रुप के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। इस मुकदमे की विवेचना जारी है। सूत्रों के मुताबिक प्राधिकरण की ओर से पुलिस को जानकारी दी गई है कि प्रमाण पत्र में जिस अधिकारी के दस्तखत हैं, उस नाम का कोई अधिकारी कभी तैनात नहीं रहा है। इसी मुकदमे के आधार पर ईडी ने विनायक ग्रुप के खिलाफ मनी लॉन्डि्रंग एक्ट के तहत केस दर्ज किया था।
सपा नेता अबू आजमी हैं पार्टनर ईडी की जांच में सामने आ चुका है कि महाराष्ट्र के सपा अध्यक्ष अबू आजमी विनायक ग्रुप के पार्टनर हैं। उन्होंने विनायक ग्रुप के साथ मिलकर वाराणसी में बेशकीमती संपत्तियों को खरीदा था। इसके लिए मुंबई से हवाला के जरिये रकम भेजी गई थी। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में हवाला के जरिये रकम मंगाकर संपत्तियों की खरी-फरोख्त की आयकर विभाग और ईडी गहनता से जांच कर रहे हैं। हालांकि विनायक ग्रुप को बीते दिनों निर्णायक प्राधिकारी ने राहत भी दी थी और आयकर विभाग द्वारा संपत्तियों को जब्त करने के आदेश को खारिज कर दिया था। अब आयकर विभाग निर्णायक प्राधिकारी के आदेश के खिलाफ भी अपील करने जा रहा है।






