नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को महत्वपूर्ण फैसले में पोस्ट ग्रेजुएट (पीजी) मेडिकल पाठ्यक्रमों में होने वाले दाखिले में निवास (डोमिसाइल) आधारित कोटा खत्म कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि पीजी मेडिकल दाखिले में कोटे को असंवैधानिक घोषित करते हुए कहा कि यह संविधान के अनुच्छेद-14 का उल्लंघन है। न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय, न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया व न्यायमूर्ति एसवीएन. भट्टी की पीठ ने फैसले में कहा कि हम सभी भारत के निवासी हैं। एक देश के नागरिक और निवासी के रूप हमें न केवल भारत में कहीं भी अपना निवास चुनने का अधिकार देता है,बल्कि हमें भारत में कहीं भी व्यापार और व्यवसाय या नौकरी करने का अधिकार भी देता है। यह हमें भारत में कहीं भी शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश लेने का अधिकार भी देता है। कोर्ट ने 32 पन्नों के फैसले में यह भी कहा कि किसी राज्य में रहने वाले लोगों को मेडिकल कॉलेजों सहित शैक्षणिक संस्थानों में निवास आधारित ‘कोटे’ का लाभ केवल एमबीबीएस पाठ्यक्रमों में एक निश्चित डिग्री तक ही दिया जा सकता है न कि पीजी दाखिले में।
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