राजेश कुमार शर्मा (सह संपादक-वार्ताहब)
शक्तिनगर /सोनभद्र :-डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल में शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता, नवाचार एवं उत्कृष्टता को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने के उद्देश्य से डी.ए.वी. कॉलेज मैनेजिंग कमेटी (CAE), नई दिल्ली के तत्वावधान में आयोजित त्रिदिवसीय शिक्षक क्षमता संवर्धन कार्यशाला का आज अत्यंत भव्य एवं गरिमामयी शुभारंभ हुआ। यह कार्यशाला डायरेक्टर (एकेडेमिक्स) श्रीमती निशा पेशीन के कुशल मार्गदर्शन में आयोजित की जा रही है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे
श्री राजेश त्रिवेदी जी (जनरल मैनेजर, एचआर/वेलफेयर, एनसीएल मुख्यालय, सिंगरौली),
जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री राकेश कुमार अवस्थी (प्रोजेक्ट ऑफिसर, एनसीएल खड़िया परियोजना) ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
इसके अतिरिक्त क्लस्टर इंचार्ज / ए.आर.ओ., डी.ए.वी. सीएई श्रीमती संध्या एल. पांडेय, विद्यालय के प्राचार्य श्री राजकुमार जी, श्रीमती रचना दुबे, श्री संजय पांडेय एवं श्रीमती सुनीता मिश्रा की विशिष्ट उपस्थिति ने कार्यक्रम को विशेष ऊँचाई प्रदान की।
कार्यक्रम का शुभारंभ सामूहिक हवन एवं भजन के पावन अनुष्ठान के साथ हुआ, जिसमें सभी अतिथियों एवं प्रशिक्षणार्थियों ने श्रद्धा एवं उत्साह के साथ सहभागिता की। आध्यात्मिक वातावरण में प्रारंभ हुआ यह आयोजन शिक्षण के साथ संस्कारों के महत्व को भी रेखांकित करता दिखाई दिया।
इस त्रिदिवसीय कार्यशाला में डी.ए.वी. रिहंद नगर, ऊंचाहार, टांडा, ओबरा, परासी एवं खड़िया से कुल 167 प्रशिक्षणार्थी शिक्षक सहभागिता कर रहे हैं। कार्यशाला के दौरान अंग्रेज़ी, हिंदी, संस्कृत, विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान, नैतिक शिक्षा, भौतिक विज्ञान, रसायन शास्त्र, जीव विज्ञान एवं वाणिज्य (कॉमर्स) जैसे विषयों में विशेषज्ञों द्वारा विविध प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जा रहे हैं, जिनका उद्देश्य शिक्षकों को नवीनतम शिक्षण तकनीकों एवं नवाचारों से सशक्त बनाना है।
मुख्य अतिथि श्री राजेश त्रिवेदी जी ने अपने प्रेरणादायी संबोधन में कहा कि तेजी से बदलते शैक्षणिक परिवेश में शिक्षकों के लिए सतत क्षमता संवर्धन अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि डी.ए.वी. संस्थाएँ शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार, गुणवत्ता एवं मूल्यों के समन्वय का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत कर रही हैं तथा इस प्रकार की कार्यशालाएँ राष्ट्र निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
वहीं क्लस्टर हेड / ए.आर.ओ. श्रीमती संध्या एल. पांडेय ने कार्यशाला के उद्देश्य एवं महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ऐसी शैक्षणिक कार्यशालाएँ शिक्षकों को नवीन शिक्षण पद्धतियों, समस्या समाधान कौशल, तकनीकी दक्षता एवं व्यावहारिक अनुभवों के आदान-प्रदान का सशक्त मंच प्रदान करती हैं, जिससे विद्यार्थियों के ज्ञान, कौशल एवं आत्मविश्वास में गुणात्मक वृद्धि होती है।
उद्घाटन सत्र से लेकर हवन-भजन एवं आगामी प्रशिक्षण सत्रों की स्पष्ट रूपरेखा तक, सम्पूर्ण आयोजन अत्यंत सुव्यवस्थित, प्रेरणादायक एवं प्रशंसनीय रहा। यह कार्यशाला निस्संदेह शिक्षक सशक्तिकरण एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की दिशा में एक मील का पत्थर सिद्ध होगी।
Author: Rajesh Sharma
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