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सम्पत्ति के मामले में और अधिक सशक्त होंगी यूपी की महिलाएं, योगी सरकार ने की तैयारी

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लखनऊ, 15 मई। योगी आदित्यनाथ सरकार प्रदेश में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए लगातार नए और प्रभावी कदम उठा रही है। प्रदेश से गुंडाराज और असामाजिक तत्वों पर सख्ती से नकेल कसने के चलते बेटियां जहां आज सुरक्षित महसूस कर रही हैं, वहीं अब सरकार महिलाओं को संपत्ति के मामले में भी आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है। इस क्रम में स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग ने एक नया प्रस्ताव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष प्रस्तुत किया है, जिसमें महिलाओं के पक्ष में संपत्ति के विलेख पर स्टाम्प शुल्क में छूट की सीमा को बढ़ाने की बात कही गई है।

अभी 10 लाख की सम्पत्ति पर मिल रही है छूट प्रस्ताव के अनुसार, अभी महिलाओं के पक्ष में 10 लाख रुपये तक की अचल संपत्ति के ट्रांसफर डीड पर 1 प्रतिशत स्टाम्प शुल्क छूट प्रदान की जा रही है। अब इस सीमा को बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये तक की अचल संपत्ति के ट्रांसफर डीड पर 1 प्रतिशत स्टाम्प शुल्क छूट देने का सुझाव दिया गया है। इस प्रस्ताव के लागू होने से अचल संपत्ति का निबंधन महिलाओं के नाम पर अधिक संख्या में होने की संभावना है, जिससे महिला सशक्तिकरण को और बल मिलेगा।

शहरी और ग्रामीण, सभी महिलाओं को होगा लाभ वहीं प्रस्तावित स्टाम्प शुल्क छूट योजना को महिला सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी सराहा है। लखनऊ की सामाजिक कार्यकर्ता वंशिका आहूजा और ईशा शुक्ला ने कहा कि महिलाओं के नाम पर एक करोड़ की संपत्ति के निबंधन पर छूट मिलने से न केवल उनकी आर्थिक सुरक्षा को मजबूती मिलेगी, बल्कि समाज में उनकी स्थिति को भी और सुदृढ़ करेगा। योगी सरकार का यह प्रस्ताव महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा। इस प्रस्ताव के लागू होने से न केवल महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त बनेंगी, बल्कि सामाजिक स्तर पर भी उनके अधिकारों को मजबूती मिलेगी। इस योजना से ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों की महिलाएं लाभान्वित होंगी। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में, जहां संपत्ति के मामले में महिलाओं की भागीदारी अभी भी सीमित है।

सीएम योगी के प्रयासों सुरक्षित और सशक्त हो रहीं यूपी की महिलाएं बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने अपने कार्यकाल में महिला सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन को प्राथमिकता दी है। चाहे वह मिशन शक्ति अभियान हो, जिसके तहत महिलाओं और बेटियों को आत्मरक्षा के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है, या फिर बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ और कन्या सुमंगला जैसी योजनाएं हों, जिनके माध्यम से बेटियों की शिक्षा और आर्थिक सहायता सुनिश्चित की जा रही है। इन सभी प्रयासों ने उत्तर प्रदेश को महिलाओं के लिए एक सुरक्षित और प्रगतिशील राज्य के रूप में स्थापित किया है।

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Author: vartahub

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