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हिन्दुओं को मजबूत करना RSS का उद्देश्य: काशी में बोले मोहन भागवत, छात्रों ने लगाए गगनभेदी नारे

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संघ के स्वयंसेवक देश के लिए सोचें। हम जैसे समर्थ हैं, वैसे ही देश के लिए काम करते रहें। हमारे पास जो भी समय है, उसे हम समाज की विषमता को दूर कर उसकी बेहतरी में लगाएं। ये बातें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने शुक्रवार को आईआईटी-बीएचयू के एनसीसी ग्राउंड में मौजूद 100 से ज्यादा छात्रों की विद्यार्थी शाखा में कहीं। यह पहला मौका था, जब संघ प्रमुख की मौजूदगी में देश की किसी भी आईआईटी में विद्यार्थी शाखा लगी है।संघ प्रमुख मोहन भागवत पांच दिवसीय काशी प्रवास पर हैं। काशी प्रवास के दूसरे दिन शुक्रवार की शाम वह आईआईटी बीएचयू कैंपस पहुंचे। उनकी मौजूदगी में पहली बार आईआईटी बीएचयू कैंपस के एनसीसी ग्राउंड में संघ की शाखा लगी। संघ प्रमुख विद्यार्थी शाखा के पांच स्वयंसेवकों से मुखातिब भी हुए।

युवाओं से किए आह्वान उन्होंने कहा कि छात्र जीवन के दौरान आप अपना दायित्व निभाएं। संघ का उद्देश्य हिंदू समाज को संगठित करना है। हिंदू समुदाय को मजबूत करने के साथ ही हिंदुत्व की विचारधारा को फैलाना है। भारतीय संस्कृति और उसके सभ्यतागत मूल्यों को बनाए रखने के आदर्श को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि हम अपनी भाषा, संस्कृति और संस्कार को बचाने के लिए खुद से पहल करें। हम अच्छे नागरिक बनेंगे तो बेहतर और संस्कार युक्त व्यक्ति बनेंगे। शाखा के बाद संघ प्रमुख आईआईटी बीएचयू के महात्मा गांधी प्रौद्योगिकी अतिथि गृह पहुंचे। वहां उन्होंने टोली प्रमुखों के साथ बातचीत की। आसमानी रंग का कुर्ता पहन कर पहुंचे संघ प्रमुख एनसीसी ग्राउंड में लगभग 70 मिनट तक रहे। उन्होंने 100 से ज्यादा छात्रों का योग, खेल और वैदिक मंत्रों का उच्चारण देखा। छात्र उन्हें देख कर जय बजरंगी, भारत माता की जय और वंदे मातरम का उद्घोष करते दिखे। छात्रों से उन्होंने पूछा कि बताइए संघ क्या है? छात्रों ने कहा कि संघ का मतलब है समाज में समानता का भाव पैदा करना। सबकी मदद करना और युवा शक्ति को सही दिशा देना।

मंदिर, श्मशान और पानी का उपयोग समानता के साथ करें संघ प्रमुख ने कहा कि खुद को प्रकाश कुंज की भांति प्रकाशित करें। हिंदू जाति के बंधन से उठ कर एक माला की तरह संगठित हों। हिंदू मंदिर, श्मशान और पानी का समानता के साथ उपयोग करें। हिंदुओं के बीच जाति का बंधन नहीं होना चाहिए। हमें समाज के सभी वर्गों के साथ अपना संबंध बेहतर करना होगा। संघ के स्वयंसेवक रोजाना यह प्रयास करें कि हिंदू धर्म के लोगों के बीच जाति की दीवार खत्म हो।संघ प्रमुख ने कहा कि भारतीय तकनीकी राष्ट्रवाद विश्व को दिग्दर्शन देगा। हमें रोजगार का सृजन करना है। हम राष्ट्र की भावना जागृत करने वाली तकनीक बनाएं। एआई का उपयोग समाज में सकारात्मक कार्यों के लिए हो। भारतीय शिक्षा प्रणाली में अध्यात्म और विज्ञान दोनों जुड़ा है। भारतीय वैज्ञानिक विज्ञान के क्षेत्र के साथ ही कृषि के क्षेत्र के उत्थान के लिए निरंतर काम करें।

शिक्षकों से संवाद किया, बोले- आप आदर्श बनें आरएसएस प्रमुख ने आईआईटी के साथ ही बीएचयू के शिक्षकों से संवाद किया। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को आदर्श बनना होगा। आपको युवा देखता, सीखता और आगे बढ़ता है। पारिवारिक और सामाजिक मूल्यों के साथ ही सकारात्मक विचारों के साथ आगे बढ़ना होगा। मानकों को मिटने नहीं देना है। ऐसा मानक बनाना चाहिए कि समाज आपका अनुसरण करे। विद्यार्थी आपकी बातों को आगे बढ़ाए। शिक्षकों से संवाद के दौरान आईएमएस के निदेशक प्रो एसएन संखवार, आईआईटी के निदेशक अमित पात्रा, आईआईटी और बीएचयू के शिक्षक मौजूद रहे।

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Author: vartahub

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