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भ्रामक व अपूर्ण सूचना देने पर कार्यवाही:डीएम के निर्देश पर एडीएम करेंगे नगर पंचायत ओबरा की जाँच

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सोनभद्र।ओबरा नगर पंचायत ईओ द्वारा मुख्यमंत्री पोर्टल पर नियम विरुध्द आख्या अधिकारी कि जगह जनप्रतिनिधि द्वारा लगवाया गया व आउटसोर्स कर्मचारियों की जनसूचना अधिकार के तहत भ्रामक व अपूर्ण सूचना देकर किया जा रहा मनमानी इस पुरे मामले की गम्भीरता पूर्वक लेते हुये जाँच कराए जाने को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता राकेश केशरी द्वारा पत्र मुख्यमंत्री,निदेशक नगर निकाय, आयुक्त मिर्जापुर मण्डल, जिलाधिकारी सोनभद्र को 5 बिन्दुओं पर भेजा गया।
1.नगर पंचायत ओबरा में भ्रष्टाचार की शिकायत नगर विकास विभाग निदेशक को संबोधित था जिसकी जांच किसी उच्च स्तर जनपद के अधिकारी द्वारा कराया जाना चाहिए था परंतु उक्त जांच जनपद सोनभद्र ओबरा ईओ के आई.जी. आर.एस पोर्टल पर प्रेषित कर दिया गया जिसकी ईओ ने कोई जांच नहीं किया न ही कोई निदान करने का प्रयास किया जिसमें फर्जी तरीके से मनमानी आख्या लगाया गया मुख्य बात तो यह है इस जनसुनवाई पोर्टल आई.जी. आर.एस पर आख्या प्रारूप पर जांच अधिकारी/कार्मिक का हस्ताक्षर नगर पंचायत चेयरमैन श्रीमती चांदनी देवी का हस्ताक्षर किया हुआ आख्या अपलोड कर दिया गया है जबकि जनसुनवाई पोर्टल/आई.जी.आर.एस पोर्टल या सरकारी विभाग में किसी भी पत्राचार में जनप्रतिनिधि कभी जांच अधिकारी नहीं हो सकता और जिसके खिलाफ जांच वही जांच अधिकारी बने यह विधि विरुद्ध है। मुख्यमंत्री पोर्टल पर आखिर चेयरमैन का जांच अधिकारी वाला पत्र कैसे अपलोड हुआ।
2.नगर पंचायत ओबरा से प्रार्थी द्वारा जन सूचना अधिकार के तहत 06/09/2024 को सूचना मांगा गया था जिसकी सूचना प्रार्थी को नगर पंचायत द्वारा नही दिया जा रहा था जिसके बाद एक प्रार्थना पत्र सीएम जनसुनवाई पोर्टल/आई.जी.आर.एस शिकायत स. 40020024014042 दिनांक 09/12/2024 को दर्ज करवाया गया जिसके बाद भी जन सूचना अधिकार के आवेदन के 04 माह बाद कार्यालय के पत्र स0-562/न.प.ओ./2024-25 दिनांक 07/01/2025 को सूचना उपलबब्ध कराया गया है जिसमें इनके द्वारा टोटल 212 कर्मचारियो की प्रमाणित सूची दिया गया हैं जबकि नगर पंचायत ओबरा द्वारा 250 से ज्यादा कर्मचारियों का भुगतान हर माह नगर पंचायत द्वारा किया जाता हैं जो कि नगर पंचायत के भुगतान विवरण की जांच किया जा सकता हैं साथ ही कुछ कर्मचारी नगर पंचायत द्वारा कार्य से हटा दिया गया है उनका भी सुची में नाम दिया गया हैं जो की पूर्ण रुप से गलत हैं।
3.नगर पंचायत ओबरा द्वारा कुल 09 पदों पर कर्मचारियों का आपूर्ति करने वाले फर्म को जनवरी 2024 से लेकर जनवरी 2025 तक हर माह सभी पदों पर प्रति कर्मचारी किस दर से भुगतान किया गया हैं माह वार विवरण जांच किया जाये प्रस्तुत 212 कर्मचारियों की सूचना व नगर पंचायत ओबरा व्दारा फर्म को हर माह कुल कितने कर्मचारियों के संख्या के आधार पर किये जा रहे भूगतान का मिलान कराने।
4.नगर पंचायत द्वारा उपलब्ध कराए गए सूची में स्वीपर के पदों पर कई नियुक्ति किया गया है जबकि ज्यादातर लोगों को उनका पद तक नहीं पता है जिसमें कई ब्राह्मण व क्षत्रीय व नेतागण है उन लोगों को कोई और पद बताकर रखना और कार्य करवाना जन सूचना अधिकार रिर्पोट में उनको स्वीपर पद दिखाना इसकी भी जांच किया जाए और नियुक्ति किस पद पर किया गया है सेवायोजन पंजीयन व नियुक्त करते समय आवेदन फॉर्म के आधार पर जानकारी लिया जाए।
5.नगर पंचायत ओबरा की बीते दिनों सभासदोे के धरना के उपरान्त अपर जिलाधिकारी द्वारा पत्र स0-1314/एल.बी.ए.-शि.जांच/1024 की जांच रिर्पोट में क्या कार्यवायी किया गया सार्वजनिक किया जायें।
इस पूरे मामले व सभी बिन्दुओं को संज्ञान में लेने हुए जिलाधिकारी सोनभद्र बद्रीनाथ सिंह ने अपर जिलाधिकारी सोनभद्र सहदेव मिश्रा वित्त एवं राजस्व को जांच हेतु निर्देशित किया गया। सामाजिक कार्यकर्ता राकेश केशरी ने बताया कि नगर पंचायत के भ्रष्टाचार की जांच हेतु जबसे आवाज उठाया गया है तब से खिलाफ ईओ व नगर पंचायत से जुड़े लोगों द्वारा मेरे खिलाफ संडयन्त्र रचा जा रहा हैं जिससे मेरे जान माल का भी खतरा बना है।

Rajesh Sharma
Author: Rajesh Sharma

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