Home » शहर » ऑनलाइन फ्रॉड कर मंगवाते थे दूसरे का क्रेडिट कार्ड, 34 लाख का फ्रॉड करने वाले दो अरेस्ट

ऑनलाइन फ्रॉड कर मंगवाते थे दूसरे का क्रेडिट कार्ड, 34 लाख का फ्रॉड करने वाले दो अरेस्ट 

Facebook
Twitter
WhatsApp

वाराणसी,भदैनी मिरर। बैंक की शिकायत पर वाराणसी कमिश्नरेट की साइबर थाने की पुलिस ने मास्टरमाइंड सहित दो साइबर फ्रॉडों को पकड़ा है. यह फ्रॉड अच्छे सिविल स्कोर वाले लोगों का डेटा चुराकर पैन कार्ड में कूटरचना कर फर्जी दस्तावेज तैयार कर आनलाइन केवाईसी कराकर लोन देने वाली कंपनियों से पैसे अपने खाते में मंगवा लेते थे. यह कूटरचित दस्तावेज से क्रेडिट कार्ड भी मंगवाकर ऑनलाइन शॉपिंग करते थे. दोनों ने मिलकर वाराणसी के कस्टमर से 34 लाख का फ्राड किया था. घटना का खुलासा डीसीपी क्राइम प्रमोद कुमार ने अपने कार्यालय में की. इनके पास से दो आईफोन और रेंज रोवर गाडी भी बरामद हुई है. डीसीपी ने बताया कि पुलिस से बचने के लिए यह बरामद चार पहिया वाहन में भी आगे और पीछे के नंबर में भिन्नता कर दी थी. डीसीपी ने गिरफ्तारी करने वाली पुलिस टीम को 20000 हजार रुपये नगद पुरस्कार की घोषणा की है.

यह थी शिकायत अमेरिकन एक्सप्रेश बैंकिंग के जूड रेजी फ्रैंकलिन ने बताया कि चांदपुर इंडस्ट्रियल स्टेट निवासी संदीप कुमार रमेश जैन अक्टूबर 2023 में क्रेडिट कार्ड बैंकिग कंपनी से बनवाया गया. जिसे वर्ष 2023 में 16 अक्टूबर को संदीप कुमार रमेश जैन के पते पर भिजवाया गया. लेकिन क्रेडिट कार्ड उसे प्राप्त नही हुआ तथा 19 अक्टूबर 2023 को दुबारा क्रेडिट कार्ड भेजा गया. इस क्रेडिट कार्ड से संदीप कुमार रमेश जैन ने लगभग रु 30 लाख 50 हजार की खरीदारी की गयी. लेकिन संदीप कुमार जैन से पेमेन्ट के सम्बन्ध में स्थानीय एजेंट ने सम्पर्क किया तो उन्होंने बताया कि उसने कोई खरीदारी नही की है और न ही कोई कार्ड रिसीव किया है.जिसके बाद पुलिस ने केस पंजीकृत कर जाँच शुरु की.

फ्रॉड करने का यह है तरीका डीसीपी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान धूरी गेट(सिटी संगरूर) पंजाब निवासी हैप्पी सिंह जो इसका मास्टरमाइंड है और विकास नगर कालोनी (चांदपुर) वाराणसी निवासी सौरभ कुमार पटेल के रुप में हुई है. दोनों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि यह अपराधी 30 से 50 लाख रूपये तक क्रेडिट लिमिट मिलने वाले व्यक्तियों के नाम का मिलता जुलता नाम के व्यक्ति की तलाश करते है. जैसे ही व्यक्ति मिल जाता है उसके आधार कार्ड में पैन कार्ड के तरह नाम, पिता का नाम, जन्मतिथि बदलवाकर तथा पता चेंज करवाया जाता है और पैन कार्ड से मिलता-जुलता नाम के व्यक्ति का फोटो पैन कार्ड में फर्जी रूप से एडिट कर पैन कार्ड तैयार कर लिया जाता है. इसके बाद यह क्रेडिट कार्ड देने वाले ऐसे कंपनी का चुनाव करते है जो आनलाइन अप्लाई करवाकर, आनलाइन केवाईसी कराकर क्रेडिट कार्ड प्रोवाइड कराते है और आनलाइन अप्लाई करके आनलाइन केवाईसी करके पोस्ट से क्रेडिट कार्ड प्राप्त कर लेते है.

नए व्यक्ति को बुलाकर करवाकर केवाईसी दोनों ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि अमेरिकन एक्सप्रेस बैंकिग कम्पनी से चांदपुर लहरतारा इंडस्ट्रियल स्टेट के पास वाराणसी से अमरेकिन एक्सप्रेस प्लेटिनम कार्ड आनलाइन अप्लाई कराया किया गया व विडियो केवाईसी के लिए फोन आने पर सौरभ ने संदीप भारती को बुलाकर कुटरचित पैन कार्ड व आधार कार्ड दिखाकर आनलाइन विडियो केवाईसी कम्पलीट करा लिया और इस तरह से नाम-पते से क्रेडिट कार्ड सौरभ पटेल को प्राप्त हो गया. क्रेडिट कार्ड कार्ड के माध्यम से लगभग 30 लाख रूपये की खरीददारी किया गया और आदित्य कम्युनिकेशन जो मनी ट्रासफर का काम करता है उससे पैसा उसी के खाते में डलवाकर अपने लोगों के खाते में ट्रासफार कराकर पैसा निकाल लिया गया तथा कुछ पैसा कैश भी लिया गया और योजनाबद्ध तरीके से साइबर टेक्नोलाजी का प्रयोग करते हुए हैप्पी सिंह द्वारा सौरभ पटेल के साथ मिलकर फर्जी कूटरचित दस्तावेज का प्रयोग करते हुए व धोखे से दूसरे के पैन कार्ड पर क्रेडिट कार्ड को फर्जी तरीके से ई- केवाईसी/आनलाइन वेरीफिकेशन कराकर खुलवा लिए है और खातों व क्रेडिट कार्ड का नेट बैंकिंग यूजर आई.डी. पासवर्ड व विवरण आदि धोखे से लेकर लाखो रूपये का साइबर फ्राड कर लिया.

vartahub
Author: vartahub

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

टॉप स्टोरी

ज़रूर पढ़ें

error: Content is protected !!