वाराणसी :- फर्जी नाम पते पर पंजीकृत 2917 फर्में पिछले तीन वित्तीय वर्ष में 52 करोड़ 99 लाख का जीएसटी जमा नहीं कर सकी हैं। वाराणसी समेत पूर्वांचल के 10 जिलों में पंजीकृत इन फर्मों में सर्वाधिक कोयला, बालू-गिट्टी, सरिया, सुपाड़ी, इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स, सीमेंट समेत अन्य वस्तुओं के आधार पर खोली गई हैं। अब इन फर्मों से बकाया टैक्स वसूली को लेकर जीएसटी अधिकारियों की 12 टीमें गठित हुई हैं। जोन-1 और जोन-2 में संचालित इन फर्मों का पंजीकरण 2017-18, 2018-19, 2019-20 वित्तीय वर्ष में हुआ है।
जीएसटी अधिकारियों ने बताया कि कोरोना काल और उसके बाद की स्थिति में जब सुधार आया तो टैक्स कलेक्शन को लेकर फर्मों की स्क्रीनिंग शुरू हुई। इसमें 2919 फर्में धरातल पर नहीं मिल रही हैं। इनके प्रोपराइटर और पते भिन्न-भिन्न हैं। वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर, मिर्जापुर, सोनभद्र, भदोही, मऊ, बलिया, आजमगढ़ में यह फर्में हैं। चंदौली में सबसे अधिक कोयला, सीमेंट और सरिया की फर्में तो मिर्जापुर-सोनभद्र में बालू, गिट्टी, वाराणसी और जौनपुर, भदोही, मऊ, बलिया में इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स, सुपाड़ी और अन्य वस्तुओं की फर्में शामिल हैं। पंजीकृत इन फर्मों के पीछे अधिकारियों की टीमें लगाई गई हैं।
सिंडिकेट बनाकर किया जा रहा है काम कर अधिवक्ताओं के अनुसार कारोबारियों द्वारा बोगस फर्म नौकर व स्टाफ के नाम से बनाई जाती है। फिर इन फर्मों से बोगस बिल काटे जाते हैं, जिसका कोई टैक्स भी जमा नहीं किया जाता है। बहुत ज्यादा होने पर थोड़ा बहुत टैक्स जमा कर रिटर्न फाइल कर दिए जाते हैं। बोगस बिलों के जरिये इनपुट टैक्स क्रेडिट लेकर बड़ी मात्रा में कर अपवंचन हो जाता है। अब तो यह चोरी सिंडिकेट बनाकर की जाने लगी है। जीएसटी जब लागू हुआ था तो यह कहा जा रहा था कि अब टैक्स की चोरी नहीं होगी। फिर भी कर अपवंचन करने वालों ने नया तरीका इजाद कर लिया है।
जोन-एक 1250 फर्मों ने दबा रखा है 16 करोड़ 40 लाख का टैक्स
जोन-दो 1667 फर्मों ने दबा रखा है 36 करोड़ 59 लाख का टैक्स
क्या बोले अधिकारी बकाया टैक्स जमा कराया जाएगा। इन फर्मों का भौतिक सत्यापन कराया जा रहा है। संबंधित जिलों के अधिकारियों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई हैं। *-मिथिलेश शुक्ला, अपर आयुक्त, जोन-प्रथम, जीएसटी*






