*खुले में मांस बेचना पड़ा भारी, नौ मीट विक्रेताओं पर लगा 48 हजार रुपये जुर्माना*
वाराणसी। नगर निगम ने खुले में मांस-मछली बेचने वाले पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इस क्रम में खाद्य सुरक्षा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में बुधवार को गिलट बाजार, भोजूबीर, कचहरी, अंधरापुल, चौकाघाट क्षेत्र में व्यापक अभियान चलाया। इस दौरान खाद्य सुरक्षा विभाग ने खुले में मांस बेचने वाले नौ दुकानदारों से 48 हजार रुपये जुर्माना वसूला। वहीं मीट और पोल्ट्री शाप में वेंटिलेशन के साथ काला शीशा या हरा पर्दा न लगाने पर विधिक कार्रवाई करने की चेतावनी दी।
मीट-मछली की दुकानों के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग से लाइसेंस लेना अनिवार्य है। वहीं नगर निगम की एनओसी के बाद ही खाद्य सुरक्षा विभाग मीट की दुकानों को लाइसेंस जारी करता है। नगर निगम ने पिछले तीन सालाें से एक भी मीट की दुकान को एनओसी नहीं दी। यही हाल खाद्य सुरक्षा विभाग का भी है। खाद्य सुरक्षा विभाग में भी एक भी मीट की दुकानें पंजीकृत नहीं हैं। इसके बावजूद शहर में करीब 550 से अधिक मीट की दुकानें चल रही है। सर्वाधिक दुकानें मुस्लिम बाहुल क्षेत्र में हैं। शहर में ज्यादातर मीट विक्रेता खाद्य सुरक्षा के मानकों को पूरा नहीं करते हैं। मीट की दुकानों पर साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखा जाता है। दुकान के बाहर भी गंदगी पसरी रहती है। नगर निगम व खाद्य सुरक्षा विभाग ने इसे गंभीरता लिया है।
निगम के पशु कल्याण एवं चिकित्सा अधिकारी डा. संतोष पाल, खाद्य सुरक्षा अधिकारी आरसी यादव, नीरज व प्रवर्तन दल की टीम ने अभियान चला खाद्य सुरक्षा के मानकों की जांच की। यह अभियान आगे भी जारी रहेगा।
मीट की दुकानें के लिए मानक
– धार्मिक स्थल से 50 मीटर दूरी।
– मीट और पोल्ट्री शाप में वेंटिलेशन, दरवाजे पर काला शीशा या हरा पर्दा।
– शाप में प्रयुक्त होने वाले सभी औजार स्टील के हों।
– पारदर्शी दरवाजायुक्त फ्रिज और गीजर अनिवार्य।
– मच्छ-मक्खियों से बचाव का इंतजाम।
– स्वच्छता का प्रमाणपत्र।
– डस्टबिन व अपशिष्ट के निस्तारण का इंतजाम।
– दुकान के अंदर किसी भी जानवर या पोल्टी बर्ड काटने पर प्रतिबंध।
– स्लाटर हाउस से खरीदे गए मीट का रिकार्ड रखना अनिवार्य।
