काशी का दिल कहे जाने वाला गोदौलिया का व्यापार मंदा पड़ गया है। रोपवे स्टेशन के लिए 150 मीटर गोदौलिया-गिरजाघर मार्ग के दोनों लेन पर खोदाई ने स्थायी और अस्थायी दुकानें बंद करा दीं। लगभग तीन माह से यातायात बाधित होने के कारण दोनों लेन के किनारे लगभग 120 स्थायी दुकानों के शटर गिर गए। वहीं, 50 से अधिक अस्थायी खानपान की दुकानें भी बंद है, जो सिर्फ रात में लगती थीं। वैवाहिक सीजन के दौरान गोदौलिया पर सराफा की दुकानें ढाई माह से बंद हैं।
लगभग 15 से 17 करोड़ रुपये का नुकसान सिर्फ एक दुकान का है। साड़ी की भी दुकानें बंद हैं, जिनमें 200 से अधिक कर्मचारी काम करते थे। खानपान समेत अन्य दुकानों का सिर्फ किराया ही व्यापारी दे रहे हैं। बैंकों से कर्ज और तमाम तरह के दबाव से व्यापारियों का समूह जूझ रहा है। गोदौलिया-दशाश्वमेध व्यापार मंडल के संरक्षक श्रीनारायण खेमका ने बताया कि 150 मीटर की सड़क दोनों तरफ से खोद दी गई। अप्रैल माह से ही खोदाई का कार्य शुरू हुआ जो अब तक जारी है। गोदौलिया से गिरजाघर जाने वाले मार्ग पर चार फीट की सड़क का कॉरिडोर बनाया गया है, जिससे सिर्फ पैदल आवाजाही हो पाती है। ऐसे में लोगों का समूह इधर नहीं आ पाता है। इस रूट की 100 से अधिक दुकानों के शटर गिर चुके हैं।
दुकानदारों के समक्ष किराया, बिजली बिल, कर्मचारियों की तनख्वाह समेत अन्य समस्याएं सामने खड़ी हैं। संरक्षक अशोक जायसवाल ने बताया कि गोदौलिया चौराहे पर सराफा की पुरानी दुकान बंद है। लगभग 15 करोड़ का नुकसान तो सिर्फ एक दुकान का हुआ है। इस तरह चाट, साड़ी, कपड़े, हस्तशिल्प समेत अन्य दुकानों का कारोबार लगभग ठप है। इस रूट से ही राहगीर या फिर पर्यटक दशाश्वमेध तक आवाजाही करते हैं, लगभग 600 दुकानों वाले इस बाजार में भी ग्राहकों की कमी हो गई है। अब चिंता यह है कि कब यह मार्ग दुरूस्त होगा और लोगों की आवाजाही शुरू होगी।
दशाश्वमेध व्यापार मंडल के अध्यक्ष सुरेश तुलस्यान ने बताया कि ढाई से तीन माह से बाजार अस्त-व्यस्त हैं। दुकानदारों के साथ ही उनके कर्मचारियों की समस्याएं भी बढ़ गई हैं। बिना दुकान खोले व्यापारियों को किराया देना पड़ रहा है। रोपवे के लिए रोड कटिंग में पीडब्ल्यूडी और जल निगम की लेटलतीफी के चलते व्यापारियां को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। रात में स्ट्रीट फूड की दुकान लगाने वाले एक दिन में दो से तीन हजार की बचत करते थे, तीन माह से उनका धंधा चौपट है।
50 हजार लोगों की है आवाजाही : गोदौलिया-गिरजाघर मार्ग पर पहले 40 से 50 हजार लोगों की आवाजाही होती थी। फिलहाल यह संख्या 20 से 30 फीसदी कम हो चुकी है। स्थानीय 50 हजार लोग और पर्यटकों की संख्या लगभग 25 हजार के आसपास है।
जंगमबाड़ी में फर्नीचर मार्केट और दशाश्वमेध में 600 दुकानें प्रभावित श्रीकाशी विश्वनाथ धाम और दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की गोदौलिया रूट से ही आवाजाही अधिक होती है। जंगमबाड़ी, बांसफाटक और दशाश्वमेध का एंट्री पाॅइंट गोदौलिया ही है। दशाश्वमेध क्षेत्र में हर तरह की 600 दुकानें हैं।
वाराणसी फर्नीचर एवं फर्निशिंग व्यापार मंडल के अध्यक्ष अजय गुप्ता ने बताया कि फर्नीचर का सबसे बड़ा मार्केट जंगमबाड़ी है। इस तरफ दुकानदारी 70 फीसदी तक प्रभावित है। रास्ता ठीक नहीं होने से गोदौलिया-गिरजाघर रूट पर वाहनों की आवाजाही बंद है। घरेलू पर्यटकों का यही सीजन था लेकिन रास्ता ठीक नहीं होने की वजह से उसका नुकसान स्थानीय व्यापारियों को उठाना पड़ा।
इनका बंद हुआ कारोबार : होटल, गेस्ट हाउस, साड़ी, हस्तशिल्प, रेडिमेड कपड़े, सराफा, आर्टिफिशियल ज्वेलरी, खानपान, फुटवियर, इलेक्ट्राॅनिक्स समेत अन्य कई दुकानों के शटर लगभग बंद हो गए हैं।
पीडब्ल्यूडी ने रास्ता नहीं बनाया, झेल रही जनता व्यापारियों ने कहा कि इसमें पीडब्ल्यूडी की बड़ी लापरवाही है। 30 मार्च तक काम खत्म करना था, लेकिन दो माह की देरी से पीडब्ल्यूडी ने काम ही शुरू किया। व्यापारियों और राहगीरों के इतने बड़े नुकसान की वजह पीडब्ल्यूडी है। महानगर उद्योग व्यापार समिति के अध्यक्ष प्रेम मिश्रा ने बताया कि सड़क नहीं बैठी है, बल्कि काशी का दिल बैठ गया है। इससे व्यापार तो प्रभावित हो ही रहा है, लोग को आने-जाने में भी खासी परेशानी का समाना करना पड़ रहा है।
