जो निवेशक बाजार की अस्थिरता के दौरान स्टेबल रिटर्न देने वाले इनवेस्टमेंट ऑप्शन की तलाश में हैं, वे मल्टी एसेट एलोकेशन फंड में पैसे लगाने पर विचार कर सकते हैं. हालांकि स्टेबल रिटर्न देने की क्षमता के बावजूद अधिकांश मल्टी एसेट फंड्स का रिस्क लेवल ‘हाई’ या ‘वेरी हाई’ है. इसका मतलब ये है कि इनमें निवेश के साथ रिस्क जुड़ा हुआ है. इसलिए कोई भी फैसला अपनी रिस्क लेने की क्षमता को ध्यान में रखकर ही लें. इस फण्ड कि कुछ विशेष जानकारी इस प्रकार हँ .
NFO की महत्वपूर्ण तारीखें : शुरू: 24 जनवरी 2025,बंद: 7 फरवरी 2025,फिर से खुलेगा: 18 फरवरी 2025 is
एसेट्स का परफेक्ट मिश्रण : इक्विटी: 65-80%,डेट: 10-25%,गोल्ड ETF: 10-25%,सिल्वर ETF, REITs/InvITs: 10%
इस फंड को क्यों चुनें ? : डायनामिक एलोकेशन: बाजार की परिस्थितियों के अनुसार एडजस्टमेंट। स्मार्ट रणनीतियां: बैलेंस बनाए रखने के लिए टैक्टिकल मूव्स। टैक्स में बचत: इक्विटी टैक्सेशन से टैक्स का बोझ कम।
आपके बजट के अनुसार निवेश : लंपसम: सिर्फ ₹5,000 से शुरुआत। SIP: ₹100 (डेली), ₹200 (मंथली), ₹1,000 (क्वार्टरली)।
एग्जिट लोड का फायदा : 3 महीने में 12% तक की यूनिट्स को फ्री में रिडीम करें! इससे ज्यादा निकालने पर सिर्फ 1% चार्ज।
फंड मैनेजर : निखिल रुंगटा: इक्विटी विशेषज्ञ। सुमित भटनागर: इक्विटी और कमोडिटी । प्रतीक हरीश श्रॉफ: डेट
डिस्क्लेमर : इस आर्टिकल का उद्देश्य सिर्फ स्कीम की जानकारी देना है, निवेश की सिफारिश करना नहीं. इंडेक्स या किसी म्यूचुअल फंड स्कीम के पिछले रिटर्न को भविष्य में वैसे ही प्रदर्शन की गारंटी नहीं माना जा सकता. निवेश का कोई भी फैसला सेबी के मान्यताप्राप्त निवेश सलाहकार की राय लेने के बाद ही करें.
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