गिरावट के 7 बड़े कारण क्या हैं-
(1) फेड चेयर जेरोम पॉवेल का बयान-जेरोम पॉवेल ने कहा कि ट्रंप के नए टैरिफ उम्मीद से ज्यादा बड़े हैं और इससे महंगाई और आर्थिक विकास दोनों पर बुरा असर पड़ सकता है. उन्होंने यह भी चेताया कि अब बेरोजगारी और महंगाई दोनों बढ़ने का खतरा है.
(2) चीन-अमेरिका ट्रेड वॉर-चीन ने अमेरिकी सामान पर 34% का भारी टैक्स लगा दिया है और कुछ रेअर मेटल (rare earths) के एक्सपोर्ट पर रोक भी लगाई है. इससे व्यापार तनाव फिर से बढ़ गया है. इससे ग्लोबल मार्केट में कोहराम मच गया है. एशियाई बाजार 10 फीसदी तक टूट गए हैं.
(3) अमेरिका में ट्रेड बातचीत-अमेरिका के ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट ने कहा कि 50 से ज्यादा देशों ने व्हाइट हाउस से नए टैरिफ के बाद बातचीत शुरू करने के लिए संपर्क किया है. लेकिन किन देशों ने संपर्क किया, इसका खुलासा नहीं किया गया है.
(4) डॉलर में कमजोरी-टैरिफ को लेकर अनिश्चितता के कारण डॉलर भी कमजोर पड़ा है. डॉलर इंडेक्स 0.4% गिरकर 102.48 पर आ गया है. डॉलर येन के मुकाबले 1.3% गिरकर 144.95 पर आ गया, जो 6 महीने का न्यूनतम स्तर है.
(5) अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में गिरावट-अमेरिका में मंदी के डर से ट्रेजरी बॉन्ड की यील्ड गिर गई है. दो साल की बॉन्ड यील्ड 2022 के बाद सबसे निचले स्तर 3.4350% पर आ गई है.
(6) बिटकॉइन की कीमतों में बड़ी गिरावट-क्रिप्टो मार्केट में भी बिकवाली रही. बिटकॉइन 7% गिरकर 77,077 डॉलर पर आ गया. ईथर भी गिरकर 1,538 डॉलर के करीब पहुंच गया, जो अक्टूबर 2023 के बाद सबसे निचला स्तर है.
(7) क्रूड ऑयल की कीमतों में गिरावट वैश्विक मंदी के डर से तेल की कीमतें भी गिरीं. ब्रेंट क्रूड 3.16% गिरकर 63.51 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया, और WTI क्रूड 3.45% गिरकर 59.85 डॉलर पर पहुंच गया.
कुल मिलाकर ग्लोबल बाजारों में बढ़ते तनाव और मंदी के डर से भारतीय बाजार भी बुरी तरह से हिल गया है. फिलहाल निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि वे धैर्य रखें.
डिस्क्लेमर: निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार या सर्टिफाइड एक्सपर्ट से राय जरूर लें.
