वाराणसी :- आईआईटी बीएचयू ने आईआईटी गुवाहाटी के साथ मिलकर मल्टी डिस्प्लीनरी विषयों पर शोध कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। रेगुलर के साथ ही जॉइंट रिसर्च प्रोग्राम के तहत 9 विभागों में पीएचडी में अभ्यर्थियों का एडमिशन लिया जाएगा। छात्र-छात्राओं को इस बार ये मौका मिल रहा है कि वे दूसरे संस्थान में भी एक प्रोजेक्ट पर मिलकर रिसर्च कर सकें। सात अप्रैल आवेदन की अंतिम तिथि है।
आईआईटी बीएचयू और गुवाहाटी दोनों संस्थानों की ओर से जॉइंट रजिस्ट्रेशन चल रहा है। दोनों संस्थानों के बीच नौ विभागों के कुल 15 प्रोजेक्ट पर रिसर्च चल रहा है। दोनों संस्थानों में इन प्रोजेक्ट के एक-एक सुपरवाइजर भी बना दिए गए हैं। सबसे ज्यादा चार प्रोजेक्ट केमिकल इंजीनियरिंग विभाग को मिले हैं। वहीं, मैकेनिकल इंजीनियरिंग में तीन, केमेस्ट्री में दो और आर्किटेक्चर प्लानिंग, बायो मेडिकल, सिविल, कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रिकल, मटेरियल साइंस में एक-एक प्रोजेक्ट पर रिसर्च होगा।
एमटेक और एमफार्मा वाले भी बनेंगे शिक्षण सहयोगी संस्थान में एमटेक और एमफार्मा करने वाले छात्र-छात्राओं को भी शिक्षण सहयोगी बनाया जा सकेगा। इन्हें 12400 रुपये का स्टाइपेंड मिलेगा। उन्हें सात दिन में आठ घंटे की ड्यूटी करनी होगी। स्टाइपेंड मिलने के दौरान किसी भी छात्र को एक समय में दूसरे किसी सोर्स से वित्तीय सहायता नहीं लेनी होगी। इसी के साथ संस्थान की ओर से पीएचडी में प्रवेश करने वाले 340 रिसर्चरों को 37 हजार रुपये के स्टाइपेंड पर इंस्टीट्यूट असिस्टेंटशिप पद पर रखा जाना है।
दो तरह से होंगे प्रवेश आईआईटी बीएचयू में पीएचडी में प्रवेश दो तरह से होगा। पहले में सीधी लिखित परीक्षा, इंटरव्यू और काउंसिलिंग होगी। वहीं, दूसरी एंग्जेम्प्टेड श्रेणी है। इसमें एक्सटर्नल, स्पॉन्सर्ड, पार्ट टाइम, नेशनल लेवल स्कॉलरशिप, प्रीमियर इंस्टीट्यूट के आउटस्टैंडिंग अभ्यर्थी, सड़क परिवहन मंत्रालय और एनएमसीजी कैटेगरी में प्रवेश लिया जा रहा है।
5 साल के अनुभव वाले नौकरीपेशा भी कर सकेंगे शोध पार्ट टाइम एग्जीक्यूटिव पीएचडी प्रोग्राम भी होगा। इसमें इंडस्ट्री, एकेडमी और सरकारी नौकरीपेशा भी आवेदन कर सकते हैं। शर्त ये है कि उनके पास पांच साल का अनुभव होना चाहिए। साथ ही एमटेक या फिर एमएससी, मेडिकल साइंस, नर्सिंग, कृषि, मैनेजमेंट, फार्मेसी, आर्किटेक्चर और ह्यूमैनिटीज से मास्टर डिग्री पूरी की हो।
प्राचीन विज्ञान में भी दो सीटों पर पीएचडी में प्रवेश पीएचडी में नेशनल एकेडमी ऑफ आयुर्वेद की ओर से भी दो स्पॉन्सर्ड सीटों पर प्रवेश होगा। इसके लिए आईआईटी बीएचयू और आयुष मंत्रालय के बीच एक समझौता भी किया गया है। इन दो सीटों के साथ आईआईटी बीएचयू भारत के प्राचीन विज्ञान में भी पीएचडी कराएगा।
