वाराणसी। पहली रमजान मुबारक को 1446 हिजरी को इस मुकद्दस महीने का आगाज हो गया है। जिसे रमजान उल मुबारक कहा जाता है। यह वह महीना है जिसे रब का महीना कहा जाता है हर बंदा अपने रब का मेहमान होता है और जब रब मेजबान हो उस इबादत का क्या कहना जैसे ही आजात की आवाज कानों में पहुंची। सब ने खजूर और पानी से रोजा इफ्तार की और अपने रब का शुक्र अदा किया। सैकड़ों मस्जिदों में नमाजी पहले से पहुंचने लगे और अपनी अपनी जगह पर बैठकर सब्र और तहामुल के साथ अजान का इंतजार करने लगे सामने सैकड़ो नेमते थी लेकिन भूखा प्यासा इंसान अपने रब की इबादत में मसरूफ रहा और अजान होने पर सब ने मिलकर रोजा खोला जमात से नमाज अदा हुई उसके बाद देश में खुशहाली और सब की सेहत और सलामती के लिए दुआ मांगी शिया जामा मस्जिद के प्रवक्ता श्री फरमान हैदर ने बताया कि शहर की 28 अंजुमनों ने 32 स्थान पर इफ्तार के लिए अपने-अपने मस्जिदों में पहुंचे आजाखानों में बारगाहों में और इमामबाड़ों में जमात के साथ नमाज हुई पहला रोजा होने के कारण। लोगों को प्यास की शिद्दत का एहसास तो हो रहा था लेकिन रब के इबादत ने उसे खाने पीने की तरफ रुख न करने पर मजबूर किया। हर इबादत गुजार अपने मालिक की बारगाह में पहुंचा। श्री हैदर ने बताया। कि मुस्लिम बहुल्य इलाके में शाम के म वक्त इफ्तार की खरीदारी के फल आदि मिठाइयों की दुकानों पर लोगों की भीड़ । कतार के रूप में लगी थी पहला रोजा। ज होने के कारण बच्चों में काफी स चहल-पहल देखी गई उन्होंने बताया। की शहरी के लिए भी लोग वक्त से उठ जाते हैं।
