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एनटीपीसी विन्ध्याचल में क्लोरीन गैस रिसाव पर राज्य-स्तरीय मॉक ड्रिल,आपदा प्रबंधन पर दिखाई गई शानदार तैयारी

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सिंगरौली। एनटीपीसी विन्ध्याचल ने एक बार फिर साबित कर दिया कि आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए वह हर मोर्चे पर तैयार है। दिनांक 17.04.2025 को संयंत्र परिसर में एक राज्य-स्तरीय मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया, जिसमें क्लोरीन गैस रिसाव की स्थिति को दर्शाते हुए राहत और बचाव कार्य का अभ्यास किया गया।
इस बड़े पैमाने पर आयोजित मॉक ड्रिल का उद्देश्य था-आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली की जांच,विभिन्न एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल और औद्योगिक आपदाओं से निपटने के लिए रणनीति को और मजबूत करना।
इस मॉक ड्रिल में कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे, जिनमें प्रमुख रूप से श्री ई.सत्य फणि कुमार (कार्यकारी निदेशक, विन्ध्याचल),श्री संजीब कुमार साहा (महाप्रबंधक- प्रचालन एवं अनुरक्षण),श्री पी.के.सेन गुप्ता (एडीएम),श्री अभिषेक रंजन (एडिशनल एसपी) और सीआईएसएफ के सहायक कमांडेंट श्री सदराराम यादव शामिल रहे। आयोजन की पूरी कमान सीआईएसएफ के फायर इंस्पेक्टर श्री गगन सैनी के हाथों में थी।
इस मॉक ड्रिल में सीआईएसएफ, एनटीपीसी विन्ध्याचल एवं सिंगरौली की मेडिकल और सेफ्टी टीमें, एनसीएल की फायर यूनिट, रिलायंस शासन,ट्रॉमा सेंटर हॉस्पिटल,एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और डिजास्टर मित्र जैसे कई संगठनों ने मिलकर हिस्सा लिया।
ड्रिल के दौरान तेजी से एम्बुलेंस की तैनाती,भीड़ का नियंत्रण, घायलों को प्राथमिक उपचार और एजेंसियों के बीच समन्वय को प्रमुखता से परखा गया।
एडीएम श्री सेन गुप्ता ने आपसी समन्वय और तुरंत की गई व्यवस्थाओं की सराहना की, वहीं एडिशनल एसपी श्री रंजन ने कहा कि ऐसे अभ्यास तत्काल आपात स्थितियों में हमारी ताकत बनते हैं।
कार्यकारी निदेशक(विंध्याचल) श्री ई.सत्य फणी कुमार ने कहा, “इस तरह के मॉक ड्रिल न केवल जान बचाते हैं,बल्कि सभी विभागों को एकजुट कर एक मजबूत टीम के रूप में काम करने की प्रेरणा भी देते हैं।” वहीं, महाप्रबंधक(प्रचालन एवं अनुरक्षण) श्री संजीब कुमार साहा ने टीम की एकजुटता और तत्परता की प्रशंसा की।
सीआईएसएफ पर्यवेक्षकों ने भी सभी टीमों की प्रोफेशनल अप्रोच और तेज प्रतिक्रिया को सराहा। यह मॉक ड्रिल न केवल एनटीपीसी विंध्याचल के भीतर बल्कि पड़ोसी औद्योगिक इकाइयों जैसे रिलायंस सासन और एनसीएल के साथ सहयोग और साझा जिम्मेदारी की भावना को भी दर्शाता है। नियमित मॉक ड्रिल और प्रशिक्षण कार्यक्रमों की आवश्यकता पर बल देते हुए अधिकारियों ने कहा कि इस तरह की तैयारियां भविष्य में किसी भी आपदा से निपटने में अत्यंत सहायक होंगी।

Rajesh Sharma
Author: Rajesh Sharma

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