काशी विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र में 30 ऐसे भवन है जिन्हें नगर निगम जर्जर घोषित के रखा है। नगर निगम ने वाराणसी के 07 जोन में कुल 489 ऐसे भवन चिह्नित किए हैं जो जर्जर की श्रेणी में हैं और जन समुदाय के लिए खतरा बने हैं। सभी भवन 100 साल से अधिक पुराने हैं। जर्जर भवनों में काशीराज परिवार, बीएचयू की भी कुछ संपत्तियां शामिल हैं। नगर निगम ने सभी को नोटिस जारी कर रखा है। अब बीएचयू की लैब में जांच के बाद रिपोर्ट के आधार पर इन्हें तोड़ा जाएगा।
एलो जोन के 17 भवनों को नोटिस काशी विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र के एलो जोन में 17 ऐसे भवन नगर निगम ने चिह्नित किए हैं जो जर्जर हो चुके हैं। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के समीप कुल 13 ऐसे भवन भी हैं जिन्हें नगर निगम ने जर्जर घोषित कर रखा है। सभी को अपने भवन को गिराने के बाबत नोटिस जारी की जा चुकी है। नोटिस के छह माह बीत जाने के बाद भी भवन स्वामियों की तरफ से कोई कवायद नहीं की गई। नगर निगम मानसून के आने से पहले इन जर्जर भवनों के खिलाफ एक्शन की तैयारी में हैं। इन भवनों की बीएचयू से जांच कराने के बाद रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
कोतवाली और दशाश्वमेध जोन में सर्वाधिक 421 भवन जर्जर गलियों के शहर बनारस में कोतवाली और दशाश्वमेध जोन में नगर निगम ने सबसे अधिक 421 भवनों को चिह्नित किया है जो जर्जर हो चुके हैं। कोतवाली में सबसे अधिक 268, दशाश्वमेध जोन में 153 भवन जर्जर घोषित किए जा चुके हैं। सभी को नगर निगम की तरफ से नोटिस भी जारी की जा चुकी है।
सबसे कम सारनाथ में, वरुणापार में सभी खतरनाक नगर निगम के 07 जोन में से सबसे कम जर्जर मकान आईने जोन में हैं। यहां 09 भवन जर्जर हैं। वरुणापार जोन के सभी 12 भवन खतरनाक स्थिति में हैं। नगर निगम के इंजीनियर की रिपोर्ट के मुताबिक नदेसर, शिवपुर, पक्की बाजार, अर्दली बाजार, भोजूबीर, इंग्लिशिया लाइन में मौजूद सभी जर्जर भवन खतरनाक स्थिति में हैं। भेलूपुर में 14, आदमपुर में 13, रामनगर में 31, दशाश्वमेध में 153 और कोतवाली जोन में 268 भवन जर्जर हैं।
निबंधन कार्यालय, डाकखाना, स्कूल से लेकर मंदिर तक जर्जर रामनगर जोन में काशीराज परिवार से जुड़े भवन जिनमें निबंधन कार्यालय (तपोवन पुराना रामनगर), मोहताज खाना, डाकखाना, मोटरखाना, भारतीय शिशु मंदिर जिन भवनों में संचालित होता है, नगर निगम के इंजीनियर की रिपोर्ट के अनुसार जर्जर हो चुके हैं।
अब BHU की लैब में टेस्ट के बाद जर्जर भवनों पर चलेगा हथौड़ा यदि आपके भवन को भी नगर निगम के इंजीनियरों की टीम ने जर्जर भवन बताते हुए नोटिस जारी कर रखी है और आपको लगता है कि भवन जर्जर नहीं है तो आप इसकी जांच नगर निगम के जरिए बीएचयू की लैब से करा सकते हैं। आपके भवन को टेस्ट रिपोर्ट अगर नगर निगम की रिपोर्ट से मेल खाएगी तो कार्रवाई की जाएगी और रिपोर्ट नहीं मिलती है तो नगर निगम अपनी नोटिस वापस ले लेगा।
नगर निगम के जनसंपर्क अधिकारी संदीप श्रीवास्तव ने बताया कि नगर निगम ने जिन भवनों को नोटिस दे रखा है, भवन स्वामी नोटिस से संतुष्ट नहीं हैं तो वह बीएचयू आईआईटी में जांच करा सकते हैं। इसके लिए उन्हें शुल्क जमा करना होगा जो आईआईटी की जांच टीम तय करेगी।
