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गर्मियों में आग लगने की न हों घटनाएं, सीएम योगी के निर्देश पर अफसरों ने संभाली कमान

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लखनऊ, 25 मार्चः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विगत दिनों बैठक कर हीटवेव से बचाव की तैयारी पूरी करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने वन विभाग के आलाधिकारियों से भी कहा था कि गर्मी में वनों व जंगलों में आग की बढ़ने वाली घटनाएं न हों, इसके लिए अभी से तैयारी कर ली जाए। इसी क्रम में वन विभाग ने ऐसी घटनाओं पर निगरानी के लिए मुख्यालय से लेकर प्रभागीय स्तर, जोनल-मंडलीय मुख्य वन संरक्षक स्तर पर नियंत्रण कक्ष बनाया है। प्रदेश मुख्यालय पर बनाए गए अग्नि नियंत्रण सेल के नोडल अधिकारी अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक, प्रचार-प्रसार होंगे।

मुख्यालय व प्रभागीय स्तर पर स्थापित किया गया अग्नि नियंत्रण सेल प्रत्येक प्रभाग स्तर, वृत्त स्तर, जोनल-मंडलीय मुख्य वन संरक्षक तथा मुख्यालय स्तर पर प्रदेश में कुल 115 अग्नि नियंत्रण सेल स्थापित किए जा चुके हैं। यह सेल 24 घंटे कार्य करेगा। यहां तीन शिफ्ट में कर्मचारियों की भी तैनाती रहेगी। हीलाहवाली न हो, इसके लिए विभिन्न रेंजों में सूचनाएं रजिस्टर में पंजीकृत कर तत्काल उसके निदान पर कार्य भी किया जाएगा।

पीपी सिंह बने अग्नि नियंत्रण सेल के नोडल अधिकारी लखनऊ स्थित मुख्यालय में स्थापित किए गए अग्नि नियंत्रण सेल के नोडल अधिकारी भी नियुक्त कर दिए गए। यह जिम्मेदारी अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (प्रचार-प्रसार) पीपी सिंह को सौंपी गई है। फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया देहरादून की वेबसाइट-fsi.nic.in पर वन अग्नि अलर्ट सूचना के लिए प्रदेश के 3171 अधिकारियों, कर्मचारियों व आमजन ने पंजीकरण भी कराया है।

लखनऊ में हेल्पलाइन नंबर 0522-2977310 पर दी जा सकेगी जानकारी आग से जुड़ी घटनाओं के संबंध में आमजन भी सूचना दे सकेंगे। इन सूचनाओं को जनपदीय अधिकारी तत्काल मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों को प्रेषित करेंगे। आमजन की सुविधा के लिए लखनऊ में हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है। 0522-2977310, 9452162054,9648982985, 9651368060, 9415394662, 7017112077 पर इससे जुड़ी सूचनाएं दी जा सकती हैं। अन्य सभी जनपदों में भी आमजन व अन्य विभागों के अधिकारियों को स्थानीय हेल्पलाइन नंबर भी उपलब्ध कराया जाएगा।

अतिसंवेदनशील व मध्य संवेदनशील प्रभागों में भी कर ली गई तैयारी प्रदेश में वन अग्निकाल 15 जून तक माना गया है। इसके लिए अतिसंवेदनशील व मध्य संवेदनशील प्रभाग (चित्रकूट, सोनभद्र, पीलीभीत टाइगर रिजर्व, कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग, बहराइच, महराजगंज, दुधवा राष्ट्रीय उद्यान, उत्तर खीरी-दक्षिण खीरी, बलरामपुर, सहारनपुर, बिजनौर, गोंडा, गोरखपुर, मीरजापुर, चंदौली, ललितपुर, बांदा, हमीरपुर, वाराणसी व कैमूर वन्य जीव प्रभाग) में फॉरेस्ट फायर मॉक ड्रिल की जा चुकी है। संवेदनशील जनपदों में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति भी गठित की गई है।

मुख्यमंत्री जी के निर्देशों के क्रम में वन अग्नि नियंत्रण वर्ष-2025 के लिए सारी तैयारी पूरी कर ली गई है। प्रभागीय स्तर पर आग लगने की किसी भी सूचना से तत्काल मुख्यालय स्तर को सूचित करने का निर्देश दिया गया है। आमजन की सुविधा के लिए मुख्यालय स्तर पर हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है। वन्य जीवों को वन क्षेत्र के अंदर पीने के लिए जल उपलब्ध कराने के लिए पक्का होल निर्माण व पुराने वाटर होल की मरम्मत कर उसमें नियमित जल भी भरा जा रहा है। वन क्षेत्र के अंदर वाच टावर का निर्माण व पुराने वाच टावर का रखररखाव भी किया जा रहा है। अग्नि रक्षक के रूप में स्थानीय ग्रामीणों की तैनाती कर वन अग्नि नियंत्रण में सहयोग लेने का भी आग्रह किया जा रहा है।

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Author: vartahub

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