छत्तीसगढ़ : यह फैसला रायगढ़ वन मंडल में कार्यरत फॉरेस्टर दिनेश सिंह राजपूत की याचिका पर सुनवाई के दौरान आया, जिन्हें 2019 में निलंबित किया गया था। न्यायमूर्ति बी.डी. गुरु की एकल पीठ ने राज्य सरकार के आदेश को खारिज करते हुए निलंबन अवधि को सेवा अवधि में शामिल करने का निर्देश दिया। अदालत ने पाया कि समान परिस्थितियों में अन्य कर्मचारियों की निलंबन अवधि को ड्यूटी के रूप में स्वीकार किया गया था, जबकि दिनेश सिंह के मामले में ऐसा नहीं किया गया, जो भेदभावपूर्ण है। इसलिए, उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार के आदेश को संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) का उल्लंघन मानते हुए खारिज कर दिया।
यह निर्णय सरकारी कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण मिसाल स्थापित करता है, जिसमें निलंबन की अवधि को सेवा का हिस्सा माना जाएगा, जिससे वेतन कटौती जैसी समस्याओं से राहत मिल सकेगी।
