इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डकैती के नौ आरोपियों की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। साथ ही सरकार से चार हफ्ते में जवाब तलब किया है। यह आदेश न्यायमूर्ति महेश चंद्र त्रिपाठी और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार की अदालत ने प्रभु नारायण यादव व आठ अन्य की ओर से एफआईआर को चुनौती देने वाली याचिका पर दिया है। मामला वाराणसी के रोहनिया थाना क्षेत्र का है। बेटावर गांव निवासी रोहित यादव की अर्जी पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत के आदेश पर याचियों के खिलाफ डकैती व मारपीट का मुकदमा दर्ज हुआ था। याचियों के अधिवक्ता ने हाईकोर्ट में दलील दी कि रोहित और याचियों के बीच बंटवारे का मुकदमा लंबित है।
इसी दौरान रोहित ने याचियों की जमीन पर बनी चारदीवारी तोड़ दी थी। इसकी एफआईआर याचियों की ओर से दर्ज कराई गई थी, जिसमें पुलिस ने आरोप पत्र भी लगा दिया। इससे क्षुब्ध होकर रोहित ने याचियों के खिलाफ मारपीट व डकैती के आरोप में मुकदमा दर्ज करवाया है। कोर्ट ने मामले को विचारणीय मानते हुए याचियों को अंतरिम राहत दे दी।
