वाराणसी के सिगरा थानाक्षेत्र के परेड कोठी स्थित होटल में प्रयागराज के व्यवसायी अंकित अग्रवाल का शव मिला था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में विषाक्त पदार्थ खाने से मौत का मामला सामने आया था। इसके बाद अब मृतक के साले हिमांशु अग्रवाल की तहरीर पर पुलिस ने प्रयागराज के दो दवा कारोबारियों पर आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज कर अग्रिम कार्रवाई शुरू कर दी है।आरोप है कि दोनों दवा व्यापारी विजय और अमित ने अंकित से करीब 60 से 70 लाख रुपए की दवा उधार ली और अब उसका पैसा देने में टालमटोल कर रहे थे। उस दिन भी अंकित को वाराणसी पैसे देने के लिए बुलाया गया था। जब उसने आत्महत्या कर ली।
सुसाइड नोट में लिखी थीं कई बातें मृतक ने सुसाइड के पहले एक सुसाइड नोट भी लिखा था। जिसमे लिखा था – प्रयागराज के रहने वाले अमित और विजय ने उससे व्यापार के लिए 70 लाख रुपये लिए, लेकिन लौटा नहीं रहे हैं। दबाव बनाने पर प्रताड़ित करते हैं। इतना प्रताड़ित कर चुके हैं कि अब आखिरी रास्ता मौत ही है। बहुत दबाव है।
दवा व्यापारी के साले ने दर्ज कराई FIR वाराणसी के सिगरा थाने में दवा व्यवसायी मृतक अंकित अग्रवाल के साले हिमांशु निवासी मिर्जापुर ने तहरीर दी है। हिमांशु ने अपनी तहरीर में बताया- मेरे जीजा अंकित की शारदा भवन केपी ककड़ रोड़ जीरो रोड, प्रयागराज में दवा की एजेंसी है। उन्होंने आरएस मेडिकल एजेंसी जो की लीडर रोड प्रयागराज में स्थित है के अमित और विजय के साथ दवाओं का क्रय-विक्रय किया गया।
बकाया हुआ 60 से 70 लाख हिमांशु ने आरोप लगाते हुए कहा इस लेन-देन में जीजा अंकित अग्रवाल का करीब 60 से 70 लाख रुपया अमित और विजय पर बकाया हो गया। यह लेन-देन 30 महीने पहले हुआ था। लगातार जीजा उन दोनों से अपना पैसा मांग रहे थे। इसपर उन्हें दो बार अकेले नैनी और मेजा बुलाया पर जीजा ने मेरी बहन को इसकी सूचना दे दी थी और वो लगातार बात कर रहे थे। इसकी भनक उन्हें लगी तो वो पैसे लेकर नहीं आये और न दिए।
दबाव पर पैसे देने के लिए बनारस बुलाया हिमांशु ने आगे बताया- इसके कुछ दिन बाद फिर जीजा ने प्रेशर दिया तो उन्होंने बनारस पैसा देने के लिए बुलाया। 10 मार्च को अंकित वाराणसी पहुंचे और राटा में करीब 12 बजे दीदी हिमानी को फोन कर बताया कि वो होटल राजकमल के कमरा नंबर 104 में रुके हुए हैं। अभी तक अमित ने अपने वादे के अनुसार पैसे नहीं दिए हैं।
मौत से पहले बताया था जा रहे हैं गाजीपुर अंकित अग्रवाल के साले ने बताया- जीजा ने 11 मार्च की दोपहर 1 बजे बताया कि 2 घंटे में गाजीपुर निकल जाएंगे। अभी तक अमित ने पैसे नहीं दिए। यह मैसेज उन्होंने व्हाट्सप्प किया था। शाम में दीदी ने जीजा से बात करनी चाही तो मोबाइल ऑफ था। और अगले दिन स्थानीय पार्षद ने मेरे चाचा के लड़के तरंग को मौत की सूचना दी।
अमित और विजय के परेशान करने से गयी जान हिमांशु ने अपनी तहरीर में आरोप लगाया है कि अमित और विजय की प्रतड़ना से उन्होंने ऐसा कदम उठाया इसलिए उन्हें जेल भेजा जाए। इसपर सिगरा इंस्पेक्टर संजय कुमार मिश्रा ने बताया- मृतक के साले की तहरीर पर बीएनएस की धारा 316 (2) और 108 में मुकदमा पंजीकृत कर अग्रिम कर्रवाई की जा रही है।
