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पूर्व जेल अधीक्षक वाराणसी जांच में पाए गए दोषी, निलंबन की मांग

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वाराणसी :- विवादों में घिरे वाराणसी जिला जेल के पूर्व अधीक्षक डॉ. उमेश सिंह की मुश्किलें अब बढ़ सकती है. चारो ओर से उनके खिलाफ उठी आवाजें और विभागीय शिकायतों के एक जांच में प्रथमदृष्टया उन्हें दोषी पाया गया है. उनके खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक नियमावली के तहत अनुशासनिक कार्यवाही की संस्थित की गई है. इसके बाद अब उनके निलंबन की मांग भी शुरु हो गई है,जिला जेल वाराणसी में डिप्टी जेलर रही रतन प्रिया ने भी वर्ष 2024 में 2 जुलाई को जेल अधीक्षक डॉ उमेश सिंह पर दुर्व्यवहार, लैंगिक भेदभाव सूचक शब्दों के प्रयोग और अमर्यादित भाषा का आरोप लगाया था. जिसके बाद कारागार मुख्यालय स्तर पर गठित आन्तरिक शिकायत समिति की जांच में महिला उप कारापालों के साथ अमर्यादित भाषा, आचरण प्रदर्शित करने, मानसिक पीड़ा, भावनात्मक कष्ट पहुँचाने, लैंगिक भेदभाव सूचक शब्दों का प्रयोग करने आदि के लिये प्रथमदृष्ट्या दोषी पाया है.

निलंबन की मांग विवादों से नाता रखने वाले जेल अधीक्षक डॉ उमेश सिंह पर प्रथम दृष्टया आरोप सिद्ध होने पर आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने तत्काल निलंबन की मांग की है. उन्होंने कहा कि उमेश सिंह पर विगत दिनों डिप्टी जेलर मीणा चौरसिया द्वारा यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए गए, जबकि आज उन पर पूर्व में रतन प्रिया द्वारा लगाए गए आरोप प्रमाणित पाए गए हैं,इसके अतिरिक्त उनके विरुद्ध सुल्तानपुर में दो दलित कैदियों की जेल हिरासत में मौत के आरोप के साथ भ्रष्टाचार के तमाम गंभीर आरोप हैं और विगत दिनों एक कैदी को वाराणसी जेल से बीना रिहाई आदेश के रिहा कर देने के गंभीर आरोप हैं. उनके बाद भी उन्हें शासन से नजदीकी के कारण निलंबित नहीं किया जा रहा है जो घोर आपत्तिजनक है. अमिताभ ठाकुर ने यूपी के मुख्यमंत्री से उमेश सिंह को तत्काल निलंबित किए जाने की मांग की है और कहा है कि यदि उन्हें 3 दिन में निलंबित नहीं किया जाता है तो आजाद अधिकार सेना 7 अप्रैल (सोमवार) से जेल मुख्यालय, लखनऊ के सामने अनिश्चितकालीन विरोध प्रदर्शन करेगी.

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Author: vartahub

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