वाराणसी: बनारस के 146 मकानों पर आने वाले दिनों में बुलडोजर कार्रवाई होने वाली है. दरअसल, कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी दौरे पर दालमंडी के काम में तेजी लाने के निर्देश दिए थे. इसके बाद पीडब्ल्यूडी के अधिकारी लगातार दो दिनों से यहां पर भवनों के चिह्नीकरण कर रहे हैं,सोमवार देर शाम तक लोक निर्माण विभाग की टीम ने 74 भवनों को चिह्नित कर लिया था. माना जा रहा है, आज चौक थाने तक चौड़ीकरण की जद में आने वाले सभी भवनों के चिह्नीकरण का काम पूरा कर लिया जाएगा,दालमंडी में 650 मीटर लंबी सड़क को 17 मीटर चौड़ा करने के लिए जिला प्रशासन ने लोक निर्माण विभाग को जिम्मेदारी दी है. आज 146 भवनों की लंबाई चौड़ाई ऊंचाई की नाप करने के साथ क्षेत्रफल को फाइनल किया जाएगा. इस आधार पर भावनों का मूल्यांकन और मुआवजा भी तय किया जाएगा.
पीडब्ल्यूडी के अवर अभियंता केके सिंह का कहना है कि मंगलवार तक 146 भवनों में से 96 का चिह्नाकन पूरा हो जाएगा. अभी तक करीब 60 भवन चिह्नित करने बाकी हैं. इसको पूरा करने के बाद भवनों की सूची बनाने और मुआवजे की रकम निर्धारित करने का काम शुरू होगा,दरअसल, लगातार बढ़ रही भीड़ और विश्वनाथ धाम तक भक्तों को नए रास्ते से लाने और भीड़ को डाइवर्ट करने के उद्देश्य से शहर में नए मार्ग का विकल्प तलाशा गया था. जिसमें नई सड़क से होते हुए दालमंडी जो घनी आबादी वाला वर्ग विशेष का इलाका है, वहां भवनों के चिह्नीकरण और ध्वस्तीकरण के काम को शुरू करने की तैयारी की गई थी,इसे लेकर इस प्रोजेक्ट की टेंडर प्रक्रिया के आवेदन का काम पूरा हो चुका है. 220 करोड़ रुपए की लागत से 650 मीटर लंबी सड़क चौक थाने तक दालमंडी होते हुए निकल जाएगी. इस सड़क को 17 मीटर चौड़ा करने की प्लानिंग की गई है.
2024-25 के अंतिम दिन वित्तीय वर्ष के अधीन 220 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत हुआ था. जिसमें दो करोड़ रुपए रिलीज भी कर दिए गए हैं. अब पैसे रिलीज होने के बाद पीडब्ल्यूडी की टीम दालमंडी में भवनों की लंबाई चौड़ाई और कौन सा मकान कितने मंजिल बना है, इसका सर्वे शुरू कर चुकी है,पीडब्ल्यूडी कर्मचारी छन्नूलाल ने बताया कि उनके द्वारा पूरा रजिस्टर तैयार किया जा रहा है. इसमें लगभग 146 भावनों के चिह्नीकरण का काम और उसका सर्वे पूरा करना है. बता दें कि यह पूरा प्रोजेक्ट एक नए रास्ते को तो देगा ही साथ ही साथ सकरी पतली सड़क को चौड़ा करने का भी काम होगा,दालमंडी पूर्वांचल की सबसे बड़ी मोबाइल एसेसरीज और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के साथ ही अन्य कई तरह के सामानों की होलसेल मंडी के रूप में जानी जाती है. नई सड़क कपड़ा मंडी के रूप में डेवलप है, यहां पर बड़ी संख्या में वर्ग विशेष के लोग रहते हैं,शुरुआत में इसका विरोध भी हुआ, लेकिन अब प्रोजेक्ट जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है, वैसे-वैसे इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए पुलिस प्रशासन दोनों टीम में जुटी हुई हैं, लगातार निगरानी की जा रही है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद इस पूरे प्रोजेक्ट को देख रहे हैं,माना जा रहा है कि जल्द ही सर्वे का काम शुरू होने के बाद मुआवजा देकर यहां मकानों को गिराने और समतलीकरण का काम शुरू होगा 2027 तक इस प्रोजेक्ट को लगभग पूरा करने की तैयारी भी की गई है.
