Home » शिक्षा » भगवान शंकर, भोलेनाथ, त्रिलोकी, महाकाल और भी न जाने क्या क्या कहा जाता है, लेकिन सवाल उठता है कि क्यों कहा जाता है ?

भगवान शंकर, भोलेनाथ, त्रिलोकी, महाकाल और भी न जाने क्या क्या कहा जाता है, लेकिन सवाल उठता है कि क्यों कहा जाता है ?

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त्रिकालदर्शी होते हुए भी तीनों नेत्र बन्द रख कर ब्रम्हांड में क्या हो रहा? कौन क्या कर रहा? कोई क्यों कर रहा ? इन सब बातों से जानबूझकर अनजान बने रहना ही बताता है कि *हमारा भगवान बहुत भोला है सम्पूर्ण ब्रम्हांड (परिवार, समाज, देश) सुखी रहे सुरक्षित रहे आपस कोई कलह न रहे इसके लिए स्यंम विष ले और सबको अमृत दे यही नीलकंठ महादेव बनाता है बुद्धिमान, उद्यमी, साहसी, योद्धा, शिक्षित, विद्वान के सब साथी होते हैं लेकिन समाज परिवार में जिसका कोई साथ नहीं देता ओ भूत-पिचास, अघोर, पागल, बुद्धिहीन, निर्वस्त्र, गंजेड़ी, बन्गेड़ी आदि आदि उनको भी सम्मान के साथ उन्हीं की तरह स्यंम को बना देना ही महादेव बनाता है सम्पूर्ण ब्रम्हांड को पल भर में महाप्रलय के आगोश में झोंक देने की छमता होने के वावजूद भी शान्ति से बैठे रहना, कोई वैभव न रखना, कोई ऐश्वर्य न रखना, कोई ताकतवर वाहन भी न रखना ही भगवान शंकर को महाकाल बनाता है और भी अनगिनत रूप हैं हमारे भोलेनाथ के जिससे हम सबको सीखने समझने की जरूरत है विचार कीजिए और सीखिए की परिवार चलाने के लिए क्या क्या करना पड़ता है यही कारण है भगवान शंकर को छोड़कर किसी और देवता का सम्पूर्ण परिवार आप ने कभी नहीं पढ़ा होगा

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Author: vartahub

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