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लोक गायन सम्मान से सम्मानित हुए डॉ.मन्नू यादव

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नयी दिल्ली। इंडिया नेक्स्ट बुक लोक गायन सम्मान से पहली बार किसी बिरहा गायक को सम्मानित किया गया,बीपीए फाउन्डेशन और इंडिया नेटबुक्स की ओर से देश की राजधानी नई दिल्ली स्थित क्राउन प्लाजा में देश की जानी मानी साहित्यीक हस्तियों जैसे ममता कालिया,चित्रा मुद्गल,संजीव कुमार,रणविजय राव ने बिरहा जगत के अप्रतिम हस्ताक्षर अंतर्राष्ट्रीय लोक गायक डॉ.मन्नू यादव को कला रत्न इंडिया नेटबुक्स लोक गायन सम्मान से नवाजा गया,जिससे सम्पूर्ण बिरहा समाज और भोजपुरी,अवधी के लोगों में हर्ष व्याप्त है। बधाई देने वालों में,अशोक कुमार,रामजन्म जांबाज,बबलू बावरा,ज्ञानी यादव, रायचरण वियोगी,राजेश चुनारवी, चंचल यादव,बृजमोहन शुक्ल प्रवीण पटेल,प्रवीण वशिष्ठ आदि ने सराहन की,संघर्षों से निकल कर बाल पन से अब तक अध्ययन अध्यापन के साथ-साथ लोक संगीत के क्षेत्र में दर्जनों बार बिरहा को बौध्दिक आयाम देते रहे हैं,लाल किले के प्राचीर से लगायत विदेशों में बिरहा को जा जा कर स्थापित किया, विश्वविद्यालयों में व्याख्यानों से वी प्रदर्शनों से लोग साहित्य की भूमिका में बिरहा को स्थापित करने का सराहनी प्रयास किया। संगीत नाटक अकादमी नई दिल्ली और संगीत नाटक अकादमी उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान उत्तर प्रदेश उत्तर प्रदेश संस्कृत निदेशालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से पुरस्कृत डॉ यादव को सम्मानित करते हुए आयोजकों ने कहा कि यह मेरे संस्थान का खुद सम्मान है जो ऐसे विलक्षण प्रतिभा के धनी,और छंद विधान के मर्मज्ञ का सम्मान करने का अवसर मिला।अभी कुछ ही दिन पहले भारत सरकार युवा और खेल मामले मंत्रालय की ओर से आयोजित राष्ट्रीय युवा महोत्सव 2025 में डॉक्टर यादव ने बतौर जूरी देश की प्रतिभाओं का मूल्यांकन किया था जिनकी प्रस्तुतियां देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के समक्ष हुई।
डॉ यादव राष्ट्रीय बिरहा अकादमी के माध्यम से देश के होनहार बच्चों को निशुल्क बिरहा का प्रशिक्षण प्रदान करते हैं। उनकी कृति कजरी मीमांसा लोक संस्कृति और परंपरा,उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान से प्रतिष्ठित पंडित रामनरेश त्रिपाठी पुरस्कार से वर्ष 2022 में सम्मानित हुई। बिरहा दर्शन इतिहास संस्कृति और परंपरा नामक पुस्तक लिखी और यह कृति विदेशों तक पहुची, देश के हिन्दी जगत के विद्वान जनों ने सराहना की,प.स्वर्गीय प्रो. कमलेश दत्त त्रिपाठी,प्रो.काशीनाथ सिंह,प्रो.नामवर सिंह,प्रो.केदारनाथ सिंह,प्रो.चौथीराम यादव,प्रो. सदानंद शाही जैसे लोगों ने मुक्त कंठ से पुस्तक की सराहना की थी,प्रोफेसर स्कार्ट मार्कश कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी अमेरिका शान्टा बाबरा के म्यूजिक फैकल्टी के लिए 15 किताबें ले गए। बिरहा के उच्च स्थान तथा सार्वभौमिकरण हेतु चिंतित रहने वाले डॉ यादव,आधा दर्जन विदेशी शोधकर्ताओं तथा सैकड़ों देश के शोध छात्रों को लोक साहित्य पर सामग्री उपलब्ध करा चुके हैं।

Rajesh Sharma
Author: Rajesh Sharma

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