लखनऊ। प्रदेश में सरकारी संपत्तियों को अवैध रूप से वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज किए जाने के मामले में शासन ने सख्त रुख अपनाया है। सूत्रों की मानें तो जिला प्रशासन से इन संपत्तियों का पूरा ब्योरा मांगा गया था, लेकिन अब तक अधिकांश जिलों ने जानकारी उपलब्ध नहीं कराई है। रिमाइंडर भेजे जाने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई न होने पर अब शासन ने सख्त कदम उठाने की तैयारी कर ली है।
57,792 सरकारी संपत्तियां अवैध रूप से दर्ज
आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, प्रदेश में कुल 57,792 सरकारी संपत्तियां अवैध रूप से वक्फ संपत्तियों के रूप में दर्ज हैं, जिनका कुल रकबा 11,712 एकड़ है। नियमानुसार, इन संपत्तियों को वक्फ के रूप में दान नहीं किया जा सकता था, फिर भी इन्हें वक्फ बोर्ड के रिकॉर्ड में दर्ज कर लिया गया।
यह संपत्तियां लगभग सभी जिलों में फैली हुई हैं, लेकिन शाहजहांपुर, रामपुर, अयोध्या, जौनपुर और बरेली में सबसे अधिक सरकारी भूमि को वक्फ के नाम पर कब्जाने के मामले सामने आए हैं।
जिलों से मांगी गई विस्तृत जानकारी
शासन ने सभी जिलों से इन संपत्तियों की विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा था, जिसमें निम्नलिखित जानकारियां मांगी गई थीं:
1. संपत्ति का स्थान: संबंधित जिले में यह संपत्ति कहां स्थित है?
2. प्रयोग की प्रकृति: वर्तमान में इन संपत्तियों का उपयोग किस प्रकार किया जा रहा है?
3. अवैध कब्जेदारों की पहचान: किन लोगों ने इन सरकारी संपत्तियों पर कब्जा कर रखा है?
4. जिम्मेदार अधिकारियों की जांच: किन सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से यह संपत्तियां वक्फ रिकॉर्ड में दर्ज की गईं?
शासन के अनुसार, इस मामले में संलिप्त अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
*जिलों की लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई संभव*
शासन के उच्चपदस्थ सूत्रों के अनुसार, दो महीने से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन प्रतापगढ़ सहित केवल दो जिलों ने ही रिपोर्ट भेजी है। हैरानी की बात यह है कि दोनों जिलों ने सभी सूचनाओं के जवाब में ‘शून्य’ लिखकर भेज दिया, यानी उन्होंने दावा किया कि उनके क्षेत्र में इस तरह की कोई संपत्ति नहीं है
हालांकि, शासन के पास पुख्ता जानकारी है कि यह दावा गलत है। इसे देखते हुए, जिम्मेदार अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की योजना बनाई जा रही है। शासन जल्द ही इस मामले में सख्त कदम उठा सकता है ताकि सरकारी संपत्तियों पर अवैध कब्जे की साजिश का पर्दाफाश किया जा सके।

Author: Rajesh Sharma
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