वाराणसी। ज़िले में लगातार बढ़ते तापमान और आगामी लू की गंभीर चेतावनी के मद्देनज़र जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार के निर्देश पर अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) बंदिता श्रीवास्तव की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य था — हीट वेव से नागरिकों को सुरक्षित रखने की दिशा में विभिन्न विभागों द्वारा की जा रही तैयारियों की समीक्षा करना और आगामी कार्ययोजना को अंतिम रूप देना। बैठक के दौरान अपर जिलाधिकारी ने कहा कि भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार इस वर्ष भीषण गर्मी और तापमान में असामान्य वृद्धि की आशंका है। ऐसे में जिले को हीट वेव से संभावित जान-माल की हानि से बचाने के लिए हर विभाग को अलर्ट मोड में रहना होगा। पेयजल संकट को पूरी तरह रोका जाना चाहिए और यदि कहीं कमी पाई जाती है तो जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्यवाही की जाएगी।
स्वास्थ्य सेवाएं होंगी चौकस और 24×7 सक्रिय स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया गया कि जिला अस्पताल, सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर हीट वेव प्रभावित मरीजों के लिए विशेष बेड आरक्षित रखें। साथ ही, कूल रूम की व्यवस्था, ओआरएस व तरल पदार्थ की उपलब्धता और सभी आवश्यक दवाओं का भंडारण सुनिश्चित किया जाए। सभी स्वास्थ्य केंद्रों को 24×7 कार्यशील रखने का आदेश भी दिया गया। इसके अलावा, लू से जुड़ी मौतों के मामलों में मानक प्रोटोकॉल के तहत जांच और पंजीकरण की प्रक्रिया को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए गए।
नगर निगम करेगा शहर में व्यापक इंतज़ाम नगर निगम को यह जिम्मेदारी दी गई कि शहर के प्रमुख चौराहों, सब्जी मंडियों और सार्वजनिक स्थलों पर शुद्ध पेयजल, टंकी/टैंकर और प्याऊ की व्यवस्था हो। स्मार्ट सिटी द्वारा लगाए गए LED स्क्रीन पर लू से बचाव के लिए ‘क्या करें, क्या न करें’ विषय पर शॉर्ट फिल्म प्रसारित की जाए। नगर निगम के कूड़ा वाहनों और PA सिस्टम के माध्यम से लगातार जनजागरूकता अभियान चलाने को भी कहा गया। सड़कों पर नियमित जल छिड़काव, शवदाह स्थलों पर छाया-पेयजल की व्यवस्था और रैन बसेरों को कूलिंग सेंटर में बदलने जैसे निर्देश भी दिए गए।
पशुपालन विभाग देगा पशुओं की सुरक्षा पर ध्यान हीट वेव की मार से मवेशियों को बचाने के लिए पशुपालन विभाग को गौशालाओं और मवेशियों की जानकारी आपदा प्रबंधन कार्यालय को सौंपने के निर्देश मिले हैं। ग्राम स्तर पर पशुपालकों को जागरूक करने, पानी की व्यवस्था, स्प्रिंकलर का उपयोग और नियमित टीकाकरण सुनिश्चित करने को कहा गया है।
अग्निशमन विभाग करेगा अलर्ट ड्यूटी लू के दौरान अग्निकांड की घटनाओं की आशंका को देखते हुए अग्निशमन विभाग को जिला मुख्यालय और तहसीलों में 24×7 एक्टिव मोड पर रहने को कहा गया है। इसके साथ ही, सभी अस्पतालों, स्कूलों और सरकारी विभागों में फायर ऑडिट को समयबद्ध तरीके से पूरा करने का निर्देश भी दिया गया। पिछली घटनाओं से सबक लेते हुए संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान कर वहां टीमें तैनात की जाएंगी।
श्रम विभाग करेगा श्रमिकों की सुरक्षा का इंतजाम श्रमिकों को लू से बचाने के लिए काम के घंटे बदलने, कार्यस्थलों पर छाया और पेयजल की व्यवस्था करने तथा स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय बनाकर स्वास्थ्य परीक्षण और जागरूकता कैंप लगाने के निर्देश दिए गए।
विद्यालयों के समय में होगा परिवर्तन, आउटडोर गतिविधियां रहेंगी बंद शिक्षा विभाग को निर्देशित किया गया है कि तीव्र गर्मी को देखते हुए स्कूलों के समय में बदलाव किया जाए। छात्रों के लिए पर्याप्त पेयजल, पंखे और बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित हो। विद्यालयों में लू से बचाव के लिए सूचना सामग्री का प्रचार-प्रसार हो और गर्मियों में आउटडोर गतिविधियों को पूरी तरह बंद कर दिया जाए।
ग्रामीण क्षेत्रों में भी होंगे ठोस कदम पंचायती राज विभाग को ग्रामीण क्षेत्रों के चौराहों और सार्वजनिक स्थलों पर टंकी, प्याऊ और पानी के टैंकरों की व्यवस्था करने को कहा गया। ब्लॉक स्तर पर तालाबों और पोखरों को भरने, पशुओं के लिए पानी की व्यवस्था करने और मृत जानवरों के निस्तारण की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया।
विद्युत आपूर्ति रहेगी निर्बाध, लो वोल्टेज की होगी रोकथाम बिजली विभाग को शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में टूटे पोल की मरम्मत, निर्बाध बिजली आपूर्ति और लो वोल्टेज की समस्या के स्थायी समाधान की दिशा में पूर्व तैयारी पूरी करने को कहा गया।
बस स्टैंडों पर यात्रियों की सुविधा होगी प्राथमिकता परिवहन विभाग को निर्देशित किया गया कि बस स्टैंडों पर स्वास्थ्य टीम, पेयजल, छाया और प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए ताकि यात्रियों को गर्मी से राहत मिल सके।
सभी विभागों की संयुक्त रणनीति हीट वेव से बचाव की इस व्यापक रणनीति में नगर निगम, जलकल, पंचायत राज, जल निगम, अग्निशमन, स्वास्थ्य, पशुपालन, शिक्षा, परिवहन, विद्युत और श्रम विभाग के अधिकारी सक्रिय रूप से भागीदार हैं। सभी विभागों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी हाल में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
