वाराणसी-आजमगढ़ स्टेट हाईवे पर रविवार दोपहर 12 बजे किसानों ने चोलापुर टोल प्लाजा को कब्जे में ले लिया। अधूरी सड़क निर्माण और मुआवजे की मांग को लेकर पहुंचे किसानों ने जमकर हंगामा किया। नारेबाजी कर रहे किसानों ने सभी टोलगेट बंद करवा दिए। जिससे हाईवे पर लंबा जाम लग गया। विरोध प्रदर्शन किए जाने की सूचना पर एसीपी समेत कई अफसर भी मौके पर पहुंचे और किसानों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन उनके सामने ही किसानों ने सरकार विरोधी नारे लगाए। प्रदर्शन के दौरान पुलिस कर्मियों से किसानों की नोकझोंक भी हुई। हालांकि अभी किसान अपनी मांगों पर अड़े हैं और प्रदर्शन जारी है। जिससे दो किमी लंबा जाम लगा है।
रविवार को दोपहर 12 बजे पूर्वांचल किसान यूनियन के तत्वावधान में किसान नेता अजीत सिंह के नेतृत्व में एनएच 233 पर स्थित चोलापुर ढेरही टोल प्लाजा पर सैकड़ों किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया। सुबह से ही किसान टोल प्लाजा से कुछ दूरी पर जुटने लगे थे और दोपहर में इकट्ठा होते ही अपने अधिकारों के लिए आवाज बुलंद की। टोल प्लाजा में पहले से तैनात पुलिस ने किसानों को रोकने का प्रयास किया और कई वाहन पहले ही रोक दिए। हालांकि किसानों के आगे पुलिस की एक नहीं चली और सभी किसान टोल प्लाजा पर पहुंच गए। हाथ में तिरंगा लेकर किसानों ने प्रदर्शन किया और टोल प्लाजा पर कब्जा जमा लिया। टोल के सभी गेट बंद कर दिए और पूरी तरह से आवागमन ठप कर दिया। पुलिस ने बमुश्किल टोल के एक-दो गेट खुलवाए लेकिन उन्होंने फिर से बंद करा करा दिया। जिससे बड़ी संख्या में अभी भी वाहन फंसे हैं।
16 किलोमीटर की सड़क अधूरी किसानों ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग 233 वाराणसी आजमगढ़ का निर्माण 2012 के नियमावली के अनुसार से होना था जिसमें बीच की सड़क जनपद जौनपुर की 16 किलोमीटर का सड़क का निर्माण नहीं हुआ है जिसको लेकर किसान काफी दिनों से लड़ाई लड़ रहे लेकिन राष्ट्रीय राजमार्ग ने सड़क का निर्माण नहीं किया। सरकार और अधिकारियों पर आरोप लगाया कि किसानों को मुआवजा नहीं दिया और टोल प्लाजा जहां प्रस्तावित था वहां से हटाकर वाराणसी के अप्रस्तावित जगह पर बना दिया। साथ ही सड़क पर धड़ल्ले से टोल टैक्स की वसूली कर रहे हैं। जबकि कई बार टोल प्लाजा को बंद करने के लिए किसानों और क्षेत्र जनमानस के द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया था।
पीएम और राष्ट्रपति तक भेजा पत्र लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, माननीय गृह मंत्री व सड़क परिवहन मंत्री को पत्र भेजकर हालातों से अवगत भी करा चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बावजूद ढेरही टोल प्लाजा को बंद नहीं किया गया। किसानों ने पिछले दिनों अल्टीमेटम देते हुए सरकार और प्रशासन को 20 मार्च 2025 तक का समय दिया था लेकिन किसी अफसर ने सुध नहीं ली। इसके बाद किसान सुबह पहुंचे और ढेरही टोल प्लाजा को बंद कराने में जुट गए। किसानों की मांग है कि जब तक सड़क का निर्माण ना हो तब तक के लिए ढेरही वाराणसी टोल प्लाजा बंद किया जाए।
दुर्घटना को देखते हुए बड़े वाहनों को सुबह 7:00 बजे से रात को 9:00 बजे तक नो एंट्री किया जाए। किसानों को तत्काल मुआवजा वितरित किया जाए तथा दुर्घटना में अब तक मृत्यु व्यक्ति के परिवार को एक करोड़ धनराशि का मुआवजा दिया जाय।
