रमजान का पाक और बरकत वाला महीना दुनिया भर के मुसलमानों के लिए विशेष महत्व रखता है। यह महीना लोगों के बीच से एक-दो दिन में रूखसत होने वाला है. रमजान के इस पाक महीने को लेकर सऊदी अरब सहित खाड़ी देशों में रौनक बढ़ गई है, जहां लोग बाजारों में अपनी खरीदारी में मशगूल नजर आ रहे हैं. वहीं, लोग ईद के चांद का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. बहरीन, कुवैत, इराक, ओमान, कतर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात सहित सातों खाड़ी देशों में आज ईद के चांद को देखने की कोशिश की जाएगी. अगर ईद का चांद नजर आता है, तो कल यानी 30 मार्च को ईद-उल-फित्र की नमाज अदा की जाएगी.
सऊदी अरब में 1 मार्च को था पहला रोजा
सऊदी अरब में 1 मार्च को रमजान का पहला रोजा था. 28 फरवरी को रमजान का चांद नजर आने के बाद सऊदी अरब सहित अन्य देशों में उसके अगले दिन से रोजा शुरू हो गया हैं. आज यानी 29 मार्च को इन देशोंमे 29वां रोजा है. ऐसे में कल 30 वां रोजा हो जायेगा और आज चांद देखने की कोशिश की जाएगी. इससे पहले 28 मार्च को रमजान के आखिरी जुमा अलबिदा की नमाज अदा की गई.
अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी में भी ईद की तैयारियां शुरू
सऊदी अरब, यूएई, कतर, कुवैत और अन्य इस्लामिक देशों के अलावा अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी जैसे पश्चिमी देशों में भी ईद की तैयारियां शुरू हो गई हैं. इन देशों में 29 मार्च को चांद दिख सकता है, और अगर चांद नजर आ जाता है, तो 30 मार्च को ईद मनाई जाएगी।
पिछले साल 2024 में 10 अप्रैल को थी ईद
2024 में सऊदी अरब और खाड़ी देशों में 9 अप्रैल को चांद नजर आया था, जिसके बाद 10 अप्रैल को ईद-उल-फित्र की नमाज अदा की गई थी। वहीं, भारत और पाकिस्तान में 10 अप्रैल को चांद दिखाई दिया, और 11 अप्रैल को ईद की नमाज अदा की गई थी.
ईद खुशियों का त्योहार
रमजान का यह पाक महीना हमें एक-दूसरे के साथ मिलकर रहने और जरूरतमंदों की मदद करने की प्रेरणा देता है. यह त्यौहार भाईचारे, एकता और सामाजिक सद्भाव का प्रतीक है. रमजान का यह महीना हमें याद दिलाता है कि समाज में सभी को समान अधिकार और सम्मान मिलना चाहिए, और हमें एक-दूसरे के दुख और दर्द को समझकर उनकी मदद करनी चाहिए. इस महीने की समाप्ति पर ईद का त्योहार खुशी, शांति और सामूहिकता का संदेश देता है.
जानें फितर- जकात के बारे में
फितरा, जिसे ज़कात अल-फितर भी कहा जाता है, रमज़ान के अंत में ईद की नमाज़ से पहले गरीबों और ज़रूरतमंदों को दिया जाने वाला एक दान है, जबकि ज़कात इंसान को अपनी संपत्ति का 2.5% दान करने की बात करता है.
फितरा (ज़कात अल-फितर) क्या है
रमज़ान के अंत में ईद की नमाज़ से पहले, हर मुसलमान को अपने परिवार के हर सदस्य की ओर से एक निश्चित मात्रा में भोजन या उसकी कीमत दान करना होता हैं.
जकात
ज़कात देना अनिवार्य है, जिसमें मुसलमानों को अपनी संपत्ति का 2.5% हिस्सा गरीबों और ज़रूरतमंदों को दान करना होता है.

Author: Rajesh Sharma
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