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सावधान : गर्मी में कहीं आपका AC न बन जाए बम; ज्यादा कूलिंग की चाहत में पड़ सकते हैं लेने के देने

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गर्मी बढ़ने लगी है और मौसम विभाग भी लगातार गर्मी के असर के बढ़ने का आकलन कर रहा है. अप्रैल में ही 42 डिग्री से ज्यादा तापमान पहुंच चुका है और कई जिलों में भयंकर लू भी चलने लगी है. ऐसे में घर-ऑफिस और शोरूम से लेकर हर जगह गर्मी से राहत पाने के लिए एयर कंडीशनर ही महत्वपूर्ण हैं.

इसके बल पर गर्मी से राहत पाने की जुगत में लोग जुटे हैं, लेकिन बीते कुछ समय से घरों में गर्मी से राहत देने वाला यह एयर कंडीशनर बम बन चुका है. हाल ही में वाराणसी के एक बैंक में एसी का बॉयलर फटने से आग लग गई और अफरा तफरी मच गई. जिसके बाद लोगों को आनन फानन में सुरक्षित बचाया गया.

तीन साल पहले भी वाराणसी में एसी ब्लास्ट करने की वजह से एक अपार्टमेंट में भीषण आग लगी थी. काशी हिंदू विश्वविद्यालय के साथ सुंदरलाल अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भी एक का बॉयलर फटने से लगभग 5 साल पहले 27 लोग बुरी तरह से जख्मी हो गए थे.

लगातार ऐसी घटनाएं बनारस ही नहीं बल्कि देश के कई हिस्सों में सामने आ रही हैं. इसलिए बेहद जरूरी है कि आप इस गर्मी अपने राहत देने वाले एयर कंडीशनर को हल्के में ना लें क्योंकि आपकी यह लापरवाही आपके पूरे परिवार पर भारी पड़ सकती है.

लगातार गर्मी में एयर कंडीशन कमरों में रहने वालों के लिए यह राहत खतरा न बन जाए, इसके लिए कुछ बातों को ध्यान देना बेहद जरूरी है. इस बारे में पूर्वी उत्तर प्रदेश में दो बड़ी एयर कंडीशनर कंपनियों की सर्विस काम देखने वाले आदित्य वर्मन का कहना है कि भीषण गर्मी में एसी का ब्लास्ट होना एक बड़ी परेशानी बन गई है. यह चैलेंज हम लोगों के सामने भी हर रोज आ रहा है.

इसकी कई वजह हो सकती है, जिसमें खराब वायरिंग, शॉर्ट सर्किट, गैस का रिसाव होना या फिर गैस रिसाव को चेक करने के लिए डाली गई नाइट्रोजन गैस के होने पर एसी को चलाया जाना. इन वजहों से ऐसी ब्लास्ट तो होता ही. लेकिन, अन्य भी कई बातें हैं जिन्हें नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है.

इन बातों का रखें ध्यान – सबसे पहले ठंड के बाद जब गर्मी शुरू होने पर एसी ऑन करें तब उसकी अच्छे से सर्विस जरूर करवा लें.

– विंडो और स्प्लिट दोनों तरह की AC की सर्विस अलग तरीके से होती है. इसलिए ऑथराइज्ड सर्विस सेंटर से ही सर्विसिंग करवाएं.

– बाहर 45 डिग्री से ज्यादा तापमान होने पर एसी को भी थोड़ा आराम दें, लगातार एसी चलना खतरनाक हो सकता है.

– अगर एसी का आउटर छत पर खुले में रखा है तो उसे समय-समय पर राहत दें. क्योंकि, 45 से 50 डिग्री तक तापमान होने पर एसी ब्लास्ट कर सकता है.

– एसी 40 डिग्री तक लगभग प्रॉपर काम करता है. इससे ज्यादा तापमान पर एसी के बॉयलर और कंप्रेसर के हीट होने का खतरा ज्यादा होता है. इसलिए एसी को रेस्ट देते रहें.

– स्प्लिट एसी का आउटर यदि छत या कहीं बाहर धूप में रखा है तो उस पर शेड लगवाएं या फिर उसे ठंडा रखने के लिए उसके आगे छोटा पंखा लगा दें या फिर पानी का छिड़काव करवाते रहें.

– टर्बो मोड का इस्तेमाल लंबे वक्त तक ना करें, क्योंकि यह ऐसी की मशीनों को कम समय में ज्यादा हीट कर देता है जो ब्लास्ट होने की वजह बन सकता है.

– कोई भी एसी 600 घंटे तक ही ऑपरेट होता है, इसके बाद इसकी सर्विस जरूरी होती है.

– एसी की कूलिंग कम होने पर बार-बार उसमें गैस रिफिल ना करवाएं, ज्यादा गैस होने पर एसी ब्लास्ट होने का खतरा ज्यादा होता है.

– बिना स्टेबलाइजर के एसी कभी ना चलाएं क्योंकि वोल्टेज फ्लकचुएशन में एसी शॉर्ट सर्किट से ब्लास्ट कर सकता है.

– किसी भी एसी में गैस लीकेज को चेक करने के लिए नाइट्रोजन डाला जाता है. 24 घंटे यह एक्टिव रहता है इस दौरान एयर कंडीशनर नहीं चलाना चाहिए

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Author: vartahub

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