ऑटोमोबाइल कंपनी ने पिछले महीने Bombay हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी, जिसमें सीमा शुल्क अधिनियम के तहत सितंबर, 2024 में अधिकारियों द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस को चुनौती दी गई थी।नोटिस में आरोप लगाया गया कि कंपनी ने ऑडी, स्कोडा और फॉक्सवैगन कारों के आयात को कंपलीट बिल्ट यूनिट (CKD) यूनिट के बजाय अलग-अलग पार्ट्स के रूप में गलत वर्गीकृत किया। इससे काफी कम सीमा शुल्क का भुगतान करना पड़ा, जो 1.4 अरब डॉलर कम बताया गया है। CKD यूनिट्स पर 30-35 प्रतिशत शुल्क लगता है, लेकिन फॉक्सवैगन ने विभिन्न शिपमेंट में अलग-अलग कंपोनेंट के रूप में अपने आयात की घोषणा की और केवल 5-15 प्रतिशत शुल्क का भुगतान किया।आज कंपनी के वकीलों ने न्यायाधीश बी पी कोलाबावाला और फिरदोश पूनीवाला की खंडपीठ के समक्ष याचिका का उल्लेख करते हुए तत्काल सुनवाई की मांग की। इसके बाद उच्च न्यायालय 17 फरवरी को याचिका पर सुनवाई करने के लिए सहमत हुआ।
