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Mock Drill: विश्वनाथ धाम व पुलिस लाइन समेत काशी में कई जगहों पर मॉक ड्रिल, हवाई हमले से बचाव की दी ट्रेनिंग

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वाराणसी जिले में मॉक ड्रिल हो रही है। बुधवार की सुबह छह बजे से पुलिस लाइन से मॉक ड्रिल शुरू हुई। इसके बाद शहर के प्रमुख चौराहे, घाट, बरेका, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट और सभी ग्राम पंचायतों और विद्यालयों में मॉक ड्रिल कराई जा रही है। काशी विश्वनाथ धाम में भी किसी भी आपात स्थिति ने निपटने के लिए लोगों को प्रशिक्षित किया गया। सायरन बजते ही क्या करना है, इसे लेकर सतर्क किया गया।

मॉक ड्रिल किसी भी युद्ध/हवाई हमले की स्थिति से जानमाल की सुरक्षा एवं बचाव को लेकर तैयारी का हिस्सा है। इसमें पांच हजार से अधिक लोगों की टीम और वॉलेंटियर हिस्सा लेंगे। इससे पहले मंगलवार को ही डीएम सत्येंद्र कुमार की अध्यक्षता में मॉकड्रिल को लेकर महत्वपूर्ण बैठक हुई। जिसमें बीएलडब्ल्यू, एयरपोर्ट अथॉरिटी, सेना, एयरफोर्स, एनडीआरएफ, राजस्व, नगर निगम, नागरिक सुरक्षा, चिकित्सा, पुलिस, शिक्षा विभाग, अग्निशमन समेत अन्य विभागों के अफसर शामिल रहे।

डीएम ने कहा कि युद्ध/हवाई हमला या किसी भी आपात स्थिति के दौरान नागरिकों के जानमाल की रक्षा और बचाव को लेकर बुधवार को विभिन्न स्थानों पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया जा रहा है। जिले के सभी स्कूलों एवं कॉलेज सहित शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को हवाई हमले से बचाव के लिए जागरूक किया जा रहा है। मॉक ड्रिल के दौरान लोगों को बेहतर ढंग से प्रशिक्षण दिया जा रहा है। सुबह नागरिक सुरक्षा की ओर से आग बुझाने का प्रशिक्षण दिया गया। युद्ध/हवाई हमले की स्थिति में बजने वाले सायरन और ब्लैक आउट के विषय में लोगों को बेहतर रूप से प्रशिक्षित किए जाने का निर्देश दिया गया है।

युद्ध के दौरान हमलों से बचने के लिए पूरे जिले में मॉक ड्रिल हो रही है, जिसमें सायरन बजने के बाद लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के तरीकों के बारे में बताया जा रहा है। पुलिस लाइन में मॉक ड्रिल के तहत आपात स्थिति से निपटने के लिए एनडीआरएफ व फायर ब्रिगेड के कर्मियों ने लोगों को जागरूक किया।

मॉक ड्रिल के दौरान सायरन बजने पर क्या करना है, उसको भी समझाया गया। मैदान में दो हथगोला भी छोड़ा गया। इसके बाद घायलों को कैसे राहत पहुंचाना है उसका भी डेमो किया गया। यूपी कॉलेज में भी माक ड्रिल हुई। इस दौरान सिविल डिफेंस वार्डेन, एनसीसी कैडेट्स के साथ आपदा से बचाव के उपाय को लेकर लोगों को जागरूक किया। यूपी कॉलेज में एनसीसी कैडेट्स ने मॉक ड्रिल के दौरान आपात स्थिति से निपटने का तरीका जाना।

दिल्ली पब्लिक स्कूल, वाराणसी मे युद्ध सुरक्षा हेतु मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर, दिल्ली पब्लिक स्कूल अमरा वाराणसी में मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस दौरान नागरिक सुरक्षा संगठन वाराणसी के तत्वावधान में छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों को आपातकालीन परिस्थितियों में सुरक्षा उपायों के प्रति जागरूक किया गया

सेंट लॉरेंस इंटरनेशनल स्कूल में मॉक ड्रिल का आयोजन चिरईगांव लेढूपुर स्थित सेंट लॉरेंस इंटरनेशनल स्कूल में बुधवार को आपदा प्रबंधन के तहत मॉक ड्रिल का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। इस अभ्यास का उद्देश्य विद्यार्थियों और शिक्षकों को आपातकालीन परिस्थितियों में सुरक्षित और सजग रहने के लिए प्रशिक्षित करना था।

सायरन बजते ही हो जाएं अलर्ट स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती इंटरमीडिएट कॉलेज गोविंदपुर रोहनिया वाराणसी में बुधवार को मॉक ड्रिल कराया गया। छात्र- छात्राओ को बताया गया कि युद्ध की स्थिति में वे अपना बचाव कैसे करें। बताया गया कि सायरन की आवाज सुनते ही बाहर भीड़ वाले जगह पर हैं तो वे तुरंत वहां से हटें और सुरक्षित जगह पहुंचे। फ्लाईओवर ब्रिज के नीचे, अंडर पास में आस- पास के बिल्डिंग में, विद्यालय के भवनों में चले जाएं। रात में ब्लैक आउट रखें। कांच की खिड़कियों पर कागज या कपड़ा चिपका दें ताकि रोशनी बाहर न जाए। घरों के बाहर रात में बल्ब न जलाएं।

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Author: vartahub

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