काशी में नवरात्र के पहले दिन मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ रही। शाम में कलस स्थापना के साथ पूजन-अर्चन शुरू हो जाएगा। आदिशक्ति के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री के मंदिरों में भक्तों ने अनुष्ठान के साथ पूजन किए। कतारबद्ध होकर मां का आशीर्वाद प्राप्त किया।
उगते सूरज संग काशी ने दुनिया को दिया वसुधैव कुटुंबकम का संदेश भगवान सूर्य के उदित होते ही रविवार को नव संवत्सर के स्वागत में गंगोत्री सेवा समिति और नमामि गंगे ने पतितपावनी मां गंगा की आरती उतारी। दुनिया को वसुधैव कुटुंबकम के मर्म को समझने का संदेश देकर पौ फटते ही विश्वभर को ऊर्जा का आभास कराने वाले सूरज देव को दूध से अर्ध्य दिया। मां गंगा के अर्चकों के साथ सदानीरा सुरसरि के तट पर मानव कल्याण की शांति और पर्यावरण संरक्षण के लिए यज्ञ किया गया। सभी के लिए स्वस्थ रहने और सुखी रहने के साथ समृद्धि प्राप्त करने की कामना की गई। गंगोत्री सेवा समिति के संस्थापक अध्यक्ष पं. किशोरी रमण दुबे ने नव संवत्सर पर जनमानस को बधाई दी। सचिव पं. दिनेश शंकर दुबे ने कहा कि भारतीय नव संवत्सर की शुरुआत गंगा आरती के साथ करना एक शुभ और आध्यात्मिक अनुभव है जो आपको सनातनी वर्ष की शुरुआत मे सकारात्मकता और शांति प्रदान करता है। गंगा आरती मां गंगा की शक्ति और पवित्रता के लिए एक प्रतीकात्मक श्रद्धांजलि है। राजेश शुक्ला ने कहा कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा संस्कृति का अमृत गान है। नव संवत्सर हमें हमारी समृद्ध सांस्कृतिक थाती से परिचित कराने और उसे सहेजने का भी अवसर देता है। नव संवत्सर सृष्टि का स्पंदन है। भारतीय अलौकिक संस्कृति का नूतन वर्ष कल्याणकारी हो इसके लिए हमने प्रार्थना की है। आयोजन में प्रमुख रूप से गंगोत्री सेवा समिति के सचिव पं. दिनेश शंकर दुबे, नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक व नगर निगम के स्वच्छता ब्रांड एम्बेसडर राजेश शुक्ला, मयंक दुबे, गंगा आरती अर्चक व बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल रहे ।
