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NCL: तीव्र ब्लास्टिंग व मनमाने तरीके से माइनिंग करने का मामला पहुँचा उच्च न्यायालय

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कोर्ट ने 3 हफ्तों में जांच कर रिपोर्ट सौंपने को कहा
सिंगरौली। लक्ष्य से बढ़कर उत्खनन करने की होड़ में एनसीएल ने सभी मानकों को ताक पर रख दिया है। गाइडलाइंस के ईतर हैवी ब्लास्टिंग का मुद्दा हो या सेफ्टी जोन में उत्खनन का मोरवा के लोग हमेशा इसे लेकर शिकायत करते रहते हैं। अभी वर्तमान में लोगों की माने तो जयंत खदान में कोयल खनन के लिए नियमों को ताक पर रखकर सेफ्टी जोन कहे जाने वाले 500 मीटर के अंदर भी उत्खनन जारी है। वहां से रिहायशी इलाका की दूरी मात्र 430 मीटर ही रह गई है। कई बार जिला प्रशासन द्वारा यह बात भी पहुंची परंतु इस पर कोई भी निष्कर्ष नहीं निकला। इन्हीं बातों से छुब्ध होकर मोरवा के व्यवसाई चंद्र प्रकाश सिंह उर्फ जिओ ने अब उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। बुधवार को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत एवं न्यायाधीश विवेक जैन ने इस मुद्दे को गंभीरता से सुना। चंद्र प्रकाश सिंह की तरफ से कोर्ट में जिरह कर रहे वकील श्रेयस धर्माधिकारी ने न्यायालय में बताया कि किस प्रकार एनसीएल के द्वारा तीव्र ब्लास्टिंग से लोगों के घरों को नुकसान पहुंच रहा है और यहां प्रदूषण का स्तर कई गुना बढ़ा हुआ है। वही मानकों को ताक पर रखते हुए सेफ्टी जोन का भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है। और नियम विरुद्ध उत्खनन जारी है। इस मामले पर हाईकोर्ट ने एनसीएल को छोड़ अन्य सभी उत्तरदाता जो कि कोल मिनिस्ट्री समेत प्रदूषण बोर्ड,डीजीएमएस एवं जिला कलेक्टर को क्षेत्रीय विधायक के साथ 2 हफ्तों में जांच कर रिपोर्ट सौंपने को कहा है। इस मामले की अगली सुनवाई 3 हफ्ते बाद होगी।

Rajesh Sharma
Author: Rajesh Sharma

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