वाराणसी :- सात साल (2019-2025) में छह चक्रवाती तूफान आए और काशी में इसका असर भी देखने को मिला। इस बार बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवाती तूफान मोंथा ने अब तक आए पांच तूफानों के असर का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। अब तक जो भी तूफान आए, उसका असर तीन से चार दिन तक ही रहा लेकिन मोंथा की वजह से छह दिन तक मौसम खराब रहा। इसमें पांच दिन तक धूप ही नहीं निकली। अब तक जो भी चक्रवाती तूफान आए वो मई महीने में आए। अक्तूबर महीने में पहली बार किसी तूफान ने इतनी हलचल मचाई है। मौसम विभाग ने दो नवंबर से तूफान का असर कम होने की संभावना जताई है। दीपावली के बाद से ही चक्रवाती तूफान के कारण मौसम में तेजी से बदलाव देखने को मिला।
छठ पर शाम के अर्घ्य वाले दिन सोमवार की दोपहर तक पहले हल्की धूप हुई लेकिन इसके बाद से बादलों की आवाजाही शुरू हुई। उसी दिन शाम को हल्की बूंदाबांदी भी हुई। मौसम विभाग ने इसको चक्रवाती तूफान मोंथा का असर बताया। बीएचयू के मौसम वैज्ञानिक प्रो. मनोज श्रीवास्तव का कहना है कि बंगाल की खाड़ी से उठे मोंथा तूफान का असर था कि धूप नहीं हुई और बारिश होती रही। अब तक के तूफान मई महीने में आए, जिसका असर तीन से चार दिन तक रहा लेकिन मोंथा का प्रभाव 6 दिन तक देखने को मिला। रविवार से मौसम के साफ होने के आसार हैं।
कब-कब रहा तूफान का असर
फैनी : 3 से 5 मई 2019 : इसकी वजह से शहर में तेज हवा के साथ पेड़ गिरने, बिजली आपूर्ति बाधित होने की घटनाएं हुई।
अम्फान : 20 से 22 मई 2020 : बंगाल से उठे इस तूफान की वजह से हल्की बारिश और तेज हवाएं चली। कोई नुकसान नहीं हुआ।
ताउते : 17 से 20 मई 2021 : अरब सागर से उठने वाला यह तूफान गुजरात तट से टकराया। इस कारण उस समय वाराणसी में तेज आंधी और बरसात से कई इलाकों में जलभराव हो गया।
यास : 26 से 28 मई 2021 : यास तूफान ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में भारी बारिश कराई। वाराणसी में दो दिनों तक लगातार बारिश और ठंडी हवाएं चलीं।
दाना : 23 से 25 अक्तूबर 2024 : दाना तूफान की वजह से तीन दिन तक तेज हवा चली और बारिश भी हुई।
मोंथा : 28 अक्तूबर से 01 नवंबर : बंगाल की खाड़ी से उठे इस तूफान की वजह से शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक बारिश होती रही। तापमान भी औसत से 7 डिग्री सेल्सियस नीचे आ गया।






