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बिना ड्राईविंग लाईसेंस के नये ई-रिक्शा वाहनों के पंजीयन पर लगायी गई रोक

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बिना लाईसेंस धारकों एवं अवयस्क द्वारा ई-रिक्शा के अवैध रूप से संचालन करने एवं वाहन विक्रेताओं द्वारा अवैध एवं बिना फैक्ट्री में निर्मित ई-रिक्शा वाहन के विक्रय किये जा रहे हैं जिससे प्रदेश में कानून व्यवस्था एवं यातायात व्यवस्था प्रभावित हो रही है। मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश की अध्यक्षता में दिनांक-23 मार्च 2025 को सम्पन्न बैठक में अवैध रूप से संचालित ई-रिक्शा के विरूद्ध कार्यवाही करने के निर्देश दिये गए हैं। उपरोक्त निर्देश के अनुपालन में जनपद चन्दौली में परिवहन विभाग द्वारा अवैध रूप से संचालित ई-रिक्शा वाहनों के विरूद्ध यह अभियान दिनांक-01.04.2025 से 30.04.2025 तक जारी रहेगा। जनपद के मुख्यतः मुगलसराय, रामनगर एवं चन्दौली क्षेत्रों में अवैध संचालित ई-रिक्शा वाहनों के विरूद्ध विशेष चेकिंग की कार्यवाही की गयी। इस अभियान के अन्तर्गत परिवहन विभाग द्वारा दिनांक- 16.04.2025 तक कुल 184 ई-रिक्शा वाहनों का चालान किया गया एवं 50 ई-रिक्शा वाहनों को जनपद के विभिन्न थानों बन्द/निरूद्ध किया गया।

इन वाहनों के चालानों से लगभग 12 लाख रूपये प्रशमन शुल्क की प्राप्ति होगी। प्रवर्तन की कार्यवाही में मुख्य रूप से नाबालिकों द्वारा वाहन का संचालन करने एवं बिना फिटनेस, बिना इन्श्योरेन्स व अन्य वैध प्रपत्रों के अभियोग में चालान किया गया। यह कार्यवाही सड़क सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को सुधारने के उद्देश्य से की गयी। बिना फिटनेस एवं लाईसेंस के चलने वाले ई-रिक्शा न केवल सड़क सुरक्षा के लिए खतरे की वजह बनते हैं, बल्कि ये यात्री और चालक दोनों के लिए जोखिम भी पैदा करते हैं। अतः ऐसे अवैध ई-रिक्शा वाहनों के विरूद्ध कार्यवाही आवश्यक है।

इसी क्रम में परिवहन कार्यालय चन्दौली द्वारा नये ई-रिक्शा वाहनों के पंजीयन में आवेदकों/वाहन क्रेताओं के ड्राईविंग लाईंसेंस की अनिवार्यता को लागू कर दिया गया है। बिना ड्राईविंग लाईसेंस के धारक/आवेदक ई-रिक्शा वाहनों का पंजीयन नहीं करा सकेगें।

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Author: vartahub

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